पूर्वांचल की सबसे बड़ी महेवा मंडी को मिली एक करोड़ 63 लाख का नोटिस, भड़के व्यापारियों की अधिकारी से हुई नोकझोंक
1.63 करोड़ का नोटिस देख महेवा के व्यापारी भड़क उठे। इसको लेकर समाधान दिवस में नोटिस के खिलाफ ज्ञापन देने पहुंचे व्यापारियों की मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से नोकझोंक हो गई। व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम मंडी में कोई काम नहीं कराता है। बिना काम कराए कर लगाना समझ से परे है। व्यापारियों ने नोटिस वापस लेने की मांग की।
महेवा मंडी के व्यापारियों को नगर निगम ने एक करोड़ 63 लाख 56 हजार 686 रुपये का बकाया नोटिस दिया है। मंडी में 208 दुकानदार हैं। नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों में गुस्सा है। मंगलवार को समाधान दिवस में नोटिस के खिलाफ ज्ञापन देने पहुंचे व्यापारियों की मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (एमकेएनए) विनय राय से नोकझोंक हो गई। व्यापारियों ने नोटिस वापस लेने की मांग की। एमकेएनए ने कहा कि व्यापारियों को कर देना होगा। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने मामले को संभाला और जांच का आश्वासन देकर व्यापारियों को वापस किया।
पूर्वांचल की सबसे बड़ी नवीन मंडी महेवा में सब्जी, फल, गल्ला, किराना, मछली आदि की दुकानें हैं। यहां की पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी मंडी समिति की है। 25 अक्टूबर को नगर निगम ने मंडी के व्यापारियों को मांग नोटिस जारी किया है। ज्यादातर व्यापारियों पर सितंबर 2023 का बकाया एक लाख 83 हजार 170 रुपये बताया गया है। सोमवार से व्यापारियों को नोटिस मिलना शुरू हुआ।
व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम मंडी में कोई काम नहीं कराता है। बिना काम कराए कर लगाना समझ से परे है। मंगलवार को समाधान दिवस में चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंहानिया अन्य व्यापारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने अपर नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर कर वापस लेने की मांग की।
कहा कि आज तक नगर निगम ने मंडी में कोई सुविधा नहीं दी। इससे पहले नगर निगम ने कभी कर की मांग नहीं की। अब अचानक वर्ष 1993 से कर लगाकर नोटिस भेजा जा रहा है। आनलाइन कंपनियों के कारण व्यापार पहले से प्रभावित है, अब नया कर लगने से व्यापारी परेशान हैं।
इस दौरान प्रकाश नारायण पांडेय, विजय अग्रवाल, पवन सिंघानिया, मनोज गोयल, आनंद गुप्ता, शैलेंद्र गोयल, सौरभ जालान, विजय सिंघानिया, अभय निषाद, गुलजारी यादव, अनिल अग्रवाल, शोएब आदि मौजूद रहे।
चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंहानिया ने अपर नगर आयुक्त को ज्ञापन देते समय कहा कि नगर निगम मंडी में कोई कार्य नहीं कराता तो कर किस बात का मांगा जा रहा है। अपर नगर आयुक्त उनसे बात कर रहे थे कि इसी बीच एमकेएनए विनय राय बोले, ‘सुविधा देने के लिए कर नहीं लिया जाता।’ इस पर व्यापारी भड़क उठे।
उन्होंने एमकेएनए के बयान को गलत बताया और कहा कि यदि तत्काल वह माफी नहीं मांगेंगे तो व्यापारी धरने पर बैठ जाएंगे। एक व्यापारी नेता ने कहा कि ‘ऐसे अधिकारी बैठे-बिठाए व्यापारियों को आंदोलन का मौका देते हैं।’ अपर नगर आयुक्त ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के समक्ष पूरा प्रकरण रखने की बात कही। इसके बाद व्यापारी वापस लौटे।
नगर निगम सुविधा देने के लिए कर नहीं लेता है। कर से पूरे महानगर में कहीं भी विकास कार्य कराया जा सकता है। इसमें मंडी भी शामिल है। मंडी समिति से कर लेने का समझौता हुआ है। मंडी समिति को व्यापारियों से कर लेकर नगर निगम में जमा करने की व्यवस्था है। मैं अभी नया हूं। पहले कोई व्यवस्था बनी होगी जिसमें मंडी समिति की सहमति से सीधे व्यापारियों को नोटिस भेजा जाता है। सभी को कर जमा करना ही होगा। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में है। -विनय राय, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी