प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यास चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को ओडिशा और बंगाल के दौरे पर गए. पश्चिम बंगाल दौरे के वक्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक ही परिसर में होने के बावजूद पीएम मोदी की बैठक में आधे घंटे देरी से आना और फिर राहत पुनर्वास के लिए 20 हजार करोड़ के पैकेज की मांग के पेपर सौंपकर उनका वहां से चला जाना BJP को रास नहीं आया. हालांकि, ममता बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराने के बाद, वह ‘‘दीघा में राहत और पुनर्विकास कार्य की समीक्षा करने के लिए चली गई थी.’’ राजनाथ बोले- स्तब्ध करने वाली घटना इधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के शुक्रवार के घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है. मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है. दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं. आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है. जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदहारण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है. नड्डा ने कहा- क्षुद्र राजनीति ने फिर लोगों को परेशान किया इधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी की बैठक की घटना कर कहा कि चक्रवात ‘यास’ पर प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में ममता बनर्जी का हिस्सा नहीं लेना संवैधानिक मूल्य और सहकारी संघवाद की संस्कृति की हत्या है. उनकी क्षुद्र राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है. धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह बेहतर होता यदि मुख्यमंत्री और उनके कार्यालय के अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में हिस्सा लेते. समीक्षा बैठक में कोई अधिकारी मौजूद नहीं था और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच कोई बैठक नहीं हुई. इस तरह के टकराव का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.’’ योगी बोले- ममता छोड़े अहंकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी और पूरे के लोग देश बंगाल की जनता के साथ खड़े हैं. ममता बनर्जी को क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठना चाहिए, अपने अहंकार को त्यागना चाहिए और बंगाल के लोगों को राहत देने के लिए राष्ट्र के साथ काम करना चाहिए. इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी ने तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. इसमें कहा गया है, ‘‘ओडिशा को तुरंत 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए और 500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है, जिसे नुकसान के आधार पर जारी किया जाएगा.’’ विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार नुकसान का आकलन करने के वास्ते राज्यों का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम तैनात करेगी, जिसके आधार पर आगे की सहायता दी जाएगी.’’
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