नहीं मिला वाहन तो बाइक से शव लेकर पहुँचे मर्चुरी।
सीतापुर। जिला अस्पताल में बुधवार को एक मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। मार्ग दुर्घटना में मौत का शिकार बालक के परिजनों को जब शवगृह तक ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो वह मोटरसाइकिल से ही शव लेकर रवाना हो गए।
लखनऊ।
सीतापुर। जिला अस्पताल में बुधवार को एक मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। मार्ग दुर्घटना में मौत का शिकार बालक के परिजनों को जब शवगृह तक ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो वह मोटरसाइकिल से ही शव लेकर रवाना हो गए। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर शव वाहन न देने व ड्राइवर पर शराब पीने का आरोप लगाया। अस्पताल प्रशासन ने इसे दरकिनार करते हुए सारी जिम्मेदारी पुलिस पर डाल दी। इस दृश्य को देखकर हर कोई दंग रह गया। तालगांव थानाक्षेत्र के देवरिया निवासी अंकुर(१०) को मंगलवार को कसरैला के निकट अज्ञात वाहन से जोरदार टक्कर मार दी। इस पर अंकुर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ देर तक इलाज के बाद अंकुर ने दम तोड़ दिया। इस पर अस्पताल प्रशासन ने रात होने के चलते शव को अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया था। बुधवार को परिजन शव को लेकर शवगृह जाना चाहते थे। पहले अस्पताल से शव वाहन लेने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों का आरोप है वाहन चलाने वाला ड्राइवर शराब के नशे में धुत था। इसी वजह से हम अपने मोटरसाइकिल से शव लेकर पोस्टर्माट्म हाउस तक पहुंचे। इसको देखकर हर कोई दंग रह गया।
पुलिस की है जिम्मेदारी
जिला अस्पताल में मौत के बाद पुलिस को जानकारी दे दी जाती है। पुलिस पंचनामा करके ही शव गृह तक पहुंचाती है। वहां तक पहुंचाने का जिम्मा पुलिस का होता है। रही बात शव वाहन की तो अस्पताल में मौजूद रहता है। हो सकता है वाहन कहीं शव लेकर गया हो। ड्राइवर के शराब पीने का आरोप निराधार है। वह दिन में दो जगहों पर शव लेकर जा चुका है। कही से भी ऐसी शिकायत नहीं मिली है।