बाराबंकी: उपकेंद्रों में पानी, बिजली संकट से जूझ रही 20 लाख आबादी
शहर में जहां जलभराव है, वहां करीब 40 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। यही हाल जिले के उन इलाकों का है, जहां तार टूटने, उपकेंद्रों की मशीनों में पानी आने से बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है।
बारिश बंद होने के 24 घंटे बाद भी शहर समेत जिले की आधी से अधिक आबादी को बिजली नसीब नहीं हुई। बिजली न आने से पीने के पानी, रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कतें आईं। शहर में जहां जलभराव है, वहां करीब 40 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। यही हाल जिले के उन इलाकों का है, जहां तार टूटने, उपकेंद्रों की मशीनों में पानी आने से बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। पावर काॅर्पोरेशन के सारे वादे फेल दिखाई दिए। इससे आम आदमी को संकट से जूझना पड़ा।
बारिश के दौरान जिले की बिजली व्यवस्था भी जवाब दे गई। पल्हरी बिजली उपकेंद्र में पानी भर गया। पांच पंपिंग सेट से पानी निकाला गया और पल्हरी से शिवपुरी, सट्टी बाजार, नाका सतरिख फीडर से आपूर्ति शुरू कर दी गई। ओवरी उपकेंद्र से रुक-रुक कर आपूर्ति की जा रही है। इनमें कई क्षेत्रों में जिला प्रशासन की सूचना पर पावर काॅर्पोरेशन ने करंट फैलने के डर से आपूर्ति ठप कर रखी है।
शहर में लखपेड़ाबाग, सोमैयानगर, जीतनगर, कोठीडीह समेत आधे शहर की बिजली आपूर्ति ठप 40 घंटे बाद भी ठप रही। यहां बिजली के साथ ही पानी की किल्लत रही। लोगों ने हैंडपंप से पानी भरकर काम चलाया। बिजली न आने से इन्वर्टर जवाब दे गए और मोटर नहीं चल सके, जिससे पानी का संकट रहा। लोग केन व बोतल बंद पानी खरीदकर घर ले जाते दिखाई पड़े। सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में 60 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। खंभे तिरछे हो गए। पेड़ और टहनियां गिरने से तार टूट गए। मसौली व रामनगर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पटरी से उतरी हुई है। रामनगर डिवीजन में कस्बा छोड़ पूरे डिवीजन की बिजली सोमवार रात से ठप है। फतेहपुर बिजली उपकेंद्र में पानी भरा है। क्षेत्र में खंभे व तार टूटने से 55 गांवों में बिजली आपूर्ति सोमवार से बंद है। इससे जिले की करीब 20 लाख आबादी को परेशानी झेलनी पड़ रही है।