मेरठ: 22 ऊंट ढूंढने का मामला एक बार दोबारा इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा, याचिका पेश के गई है; जाने क्या है पूरा मामला
हाई कोर्ट ने मेरठ प्रशासन को ऊंट वापस करने का आदेश दिया था लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। इस पर अनस ने लापता 22 ऊंटों की वापसी के लिए फिर याचिका दाखिल की है। अनस का कहना है कि पहले हुए आदेश के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने लिसाड़ी गेट पुलिस से ऊंट को वापस करने के लिए कहा था लेकिन ऊंट नहीं मिले।
मेरठ में पुलिस द्वारा जब्त 22 ऊंट गायब होने पर उन्हें ढूंढने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में दोबारा याचिका दाखिल की गई है।
लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी अनस व उस्मान ने अगस्त 2019 में ईद के दौरान 22 ऊंट लिए थे। पुलिस-प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए ऊंट की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा दिया था। सभी 22 ऊंट लिसाड़ी गेट पुलिस ने जब्त कर लिए थे। अनस का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें तब यह जानकारी दी थी कि जब्त किए गए सभी 22 ऊंट संरक्षण केंद्र भेज दिए गए हैं। अनस के अधिवक्ता शम्स-उ-जमां के अनुसार तीन साल बीत जाने के बाद उस्मान ने इन ऊंट के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट के आदेश का नहीं किया गया पालन
हाई कोर्ट ने मेरठ प्रशासन को ऊंट वापस करने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। इस पर अनस ने लापता 22 ऊंटों की वापसी के लिए फिर याचिका दाखिल की है। अनस का कहना है कि पहले हुए आदेश के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने लिसाड़ी गेट पुलिस से ऊंट को वापस करने के लिए कहा था, लेकिन ऊंट नहीं मिले।
याची ने कहा- या तो ऊंट दिलाया जाए या हर्जाना
इस संबंध में कई बार सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से विधिक स्वामी के पक्ष में ऊंटों को सौंपने का आदेश दिया जा चुका है। याची का कहना है कि या तो उसे सभी ऊंट दिलाए जाएं या हर्जाना। याची के अधिवक्ता के अनुसार गृह सचिव, कमिश्नर मेरठ , डीएम, एसएसपी और सिटी मजिस्ट्रेट को याचिका में पक्षकार बनाया गया है।