बाराबंकी: जमुरिया किनारे 248 भवन होंगे ध्वस्त
शहर से गुजरे जमुरिया नाले की हरित पट्टी पर अवैध रूप से बनाए गए 248 भवन ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किए गए हैं। इस पर अग्रिम कार्रवाई करने को लेकर मंगलवार को डीएम की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक होगी।
शहर से गुजरे जमुरिया नाले की हरित पट्टी पर अवैध रूप से बनाए गए 248 भवन ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किए गए हैं। इस पर अग्रिम कार्रवाई करने को लेकर मंगलवार को डीएम की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। माना जा रहा है कि इसमें ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने पर मुहर लग सकती है। इसको लेकर संबंधित लोगों में हलचल है। हालांकि जिला प्रशासन बेघरों को आवास देने की कार्ययोजना भी तैयार कर रहा है।
उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने जमुरिया नाले के किनारे हरित पट्टी पर हुए अवैध निर्माण ध्वस्त कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से 214 लोगों को निर्माण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद डीएम सत्येंद्र कुमार ने बाढ़ खंड, नगर पालिका, तहसील, विनियमित क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि नाले के केंद्र से दोनों ओर कुल 25 मीटर क्षेत्रफल पर नाले की खोदाई कराई जाएगी और इस जद में आने वाले सभी निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।
इसके बाद शहरी सीमा में नाले की नापजोख करते हुए चिह्नांकन किया गया, जिसमें 248 भवन ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किए गए हैं। इन सभी लोगों को नोटिस जारी किया जा चुका है। डीएम ने बताया कि पिछले साल सितंबर में जमुरिया नाला व रेठ नदी के उफान से करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। हरित पट्टी के दायरे में आने वाले मकानों के ध्वस्त होने के बाद बेघरों को डूडा की ओर से आवास मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके लिए कांशीराम कॉलोनियों में खाली आवास का ब्योरा तैयार कराया जा रहा है।
पीड़ितों ने उच्च न्यायालय से लगाई गुहार
शहर के मनोज मिश्र ने कुछ अन्य प्रभावित परिवारों के साथ उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था और ध्वस्तीकरण के नोटिस के मामले में उनके पक्ष की सुनवाई होने के बाद अग्रिम निर्णय लेने की गुहार लगाई थी। बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने इन प्रार्थना पत्रों पर आठ सप्ताह में सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।