बाराबंकी: फतेहपुर व सिरौलीगौसपुर में 50 प्रतिशत फसलें बर्बाद
बारिश और ओलावृष्टि के कारण सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान फतेहपुर और सिरौलीगौसपुर में हुआ है। यहां सरसों और गेहूं की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलें तबाह हो गईं। जिला प्रशासन की ओर से कराए जा रहे सर्वे में इन दोनों तहसीलों के अलावा अन्य चारों में पांच से 10 प्रतिशत नुकसान की बात सामने आ रही है।
बारिश और ओलावृष्टि के कारण सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान फतेहपुर और सिरौलीगौसपुर में हुआ है। यहां सरसों और गेहूं की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलें तबाह हो गईं। जिला प्रशासन की ओर से कराए जा रहे सर्वे में इन दोनों तहसीलों के अलावा अन्य चारों में पांच से 10 प्रतिशत नुकसान की बात सामने आ रही है। फिलहाल किसानवार आंकड़ा तैयार किया जा रहा है। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले किसानों को आपदा राहत कोष से त्वरित सहायता दी जाएगी। उधर, पीएम फसल बीमा के लिए भी सर्वे कराया जा रहा है।
बीते शनिवार व रविवार को बारिश और ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर फतेहपुर और सिरौलीगौसपुर में रहा। यहां मुख्य रूप से बोई जाने वाली सरसों व गेहूं की फसलें खेतों में गिर गई थीं। ओलावृष्टि के कारण फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं और उत्पादन की संभावना कम हो गई थी। इसे देखते हुए डीएम सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर सोमवार को सभी तहसीलों में सर्वे शुरू कराया गया था।
सर्वे की प्राथमिक रिपोर्ट में फतेहपुर में पकी हुई सरसों की फसल को 50 से 60 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। वहीं गेहूं को भी नुकसान पहुंचा है। सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र में गेहूं और सरसों दोनों फसलों को 50 से 60 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। नुकसान उठाने वाले किसानों का आंकड़ा 3000 से अधिक है, जबकि गांवों की संख्या 280 के आसपास है। अब यहां किसानवार नुकसान का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। यहां के किसानों को आपदा राहत कोष से नुकसान की क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, नवाबगंज तहसील में नुकसान पांच से 10 प्रतिशत तक ही हुआ है। रामनगर, हैदरगढ़ व रामसनेहीघाट में नुकसान न के बराबर होने की बात सामने आ रही है।
तहसीलवार रिपोर्ट तैयार की जा रही है। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले किसानों को त्वरित सहायता मुहैया कराई जाएगी। 33 प्रतिशत से कम नुकसान वाले किसानों को फसल कटाई के समय उत्पादन के अनुसार मदद दी जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, एडीएम