बाराबंकी: बाराबंकी स्कूल बस हादसा: मंजर देख कांप उठे कलेजे, किसी का हाथ कटा तो किसी का पैर टूटा, तीन बच्चे निढाल पड़े थे
बाराबंकी में स्कूली बस में हुए हादसे का मंजर देखने वालों के कलेजे कांप उठे। बच्चों के सिर्फ चीखने और बिलखने की आवाजें आ रहीं थीं।
सरकारी स्कूल के बच्चों को चिड़ियाघर से लेकर लौट रही एक बस बाइक को टक्कर मारने के बाद पलट गई। देवा कोतवाली क्षेत्र में हुए इस हादसे में तीन छात्राएं और बस मालिक के पुत्र की मौत हो गई जबकि छह शिक्षक समेत 15 घायल हो गए।
देवा-फतेहपुर मार्ग पर सलारपुर के पास बस पलटने के बाद दूर तक घसीटती हुई चली गई। बस के अंदर से चीखें आ रही थी। जिन बच्चों का दिमाग काम कर रहा था वह चीखते व बिलखते हुए खिड़कियों से बस के बाहर निकल रहे थे। पुलिस व ग्रामीणों ने बस के अंदर पड़े बेहोश पड़े बच्चों को निकाला तो किसी का आधा हाथ कटा मिला तो किसी का एक का पैर गायब था। तीन बच्चे दम तोड़ चुके थे। जिसने भी यह मंजर देखा उसके कलेजे कांप उठे।
सूरतगंज ब्लॉक के हरक्कापुर कंपोजिट विद्यालय के 40 बच्चें व छह शिक्षक सुबह नौ बजे विद्यालय परिसर में आई बस से शैक्षिक भ्रमण पर गए थे। लखनऊ में चिड़ियाघर घूमने के बाद शाम को बस वापस हो रही थी। बस के चालक पंकज कुरार ने बताया कि सलारपुर के पास बस के सामने अचानक एक युवक बाइक लेकर आ गया।
पहले उसे बचाने के लिए स्टेयरिंग तेजी से बाईं ओर घुमाई व ब्रेक मारी तो बस असंतुलित हो गई। इ सके बाद उसका टकराया। होश आया तो कुछ समझ में नहीं आया। एक ग्रामीण के अनुसार बस कॉलेज के पास पलटी थी। ग्रामीण बचाव कार्य में जुट गए। तब तक पुलिस पहुंच गई। दर्द की इंतहा से बच्चों के दिमाग मानो सुन्न हो गए थे। कोई मां को तो पापा कहकर चीख रहा था।
पुलिसकर्मी व ग्रामीण बच्चों को समझा रहे थे कि उन्हे जल्द ही घर पहुंचा दिया जाएगा। बस से निकालने के दौरान तीन बच्चों के शरीर निढाल देखकर पुलिसकर्मियों ने चेक किया तो वह मृत मिले। काफी देर तक सड़क पर तीनों शव पड़े रहे। सोनम निषाद नामक बच्ची तीनों शवों को देखकर चीख पड़ी। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कुछ देर पहले उनके जो साथी बस में उससे बतिया रहे थे वह अब दुनिया में नहीं है।