नीति आयोग के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से टॉप पर और दूसरे नंबर तमिलनाडु है। वहीं, उत्तर प्रदेश में स्थिति बिहार व मध्यप्रदेश से भी सबसे ज्यादा खराब है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश भर की खस्ताहाल स्वास्थ्य बेवस्थाओं को जनता के सामने उजागर कर दिया। अब कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है, इस बीच नीति आयोग ने उन राज्यों की सूची जारी की है, जहां समग्र स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं। इसके साथ ही उन राज्यों की रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जहां की स्थिति बहुत ही दयनीय है।
नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के मुताबिक, समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से टॉप पर और दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है। वहीं, उत्तर प्रदेश में स्थिति बिहार व मध्य प्रदेश से भी ज्यादा खराब है।
नीति आयोग ने 2015-2016 में पहली बार हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी की थी। उस वक्त 2014-15 को आधार वर्ष मानकर आयोग ने इंडेक्स तैयार किया था। उसके बाद से लेकर अब तक 4 बार रिपोर्ट जारी हो चुकी है, हर रिपोर्ट में यूपी सबसे फिसड्डी राज्य साबित हुआ है। लेकिन इसमें एक बात गौर करने वाली है कि नीति आयोग के चौथे हेल्थ इंडेक्स के लिए 2018-2019 को आधार वर्ष माना गया है। नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि भले ही यूपी का परफॉर्मेंस ठीक नहीं है, लेकिन यूपी उन राज्यों में है, जिन्होंने सबसे ज्यादा इंप्रूव किया है।
इंडेक्स में यूपी के खराब परफॉर्मेंस पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी और योगी जी की पोल खुल गई है, हेल्थ इंडेक्स के बहाने सुरेंद्र राजपूत ने कोरोना काल में गंगा में बह रही लाशों की भी याद दिला दी। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि सीएम योगी पूरे यूपी में हेलिकॉप्टर से घूम कर कह रहे हैं कि हमने स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारी, लेकिन नीति आयोग ने हकीकत बयां कर दी।
नीति आयोग ने राज्यों को तीन कैटेगरी में बांटा है, बड़े राज्य, छोटे राज्य और केंद्र शासित राज्य. बड़े राज्यों की सूची में यूपी समेत 19 प्रदेशों को रखा गया है। वहीं, 8 राज्यों को छोटे प्रदेशों की कैटेगरी में रखा गया है। जिसमें गोवा और नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्य शामिल हैं। जिन राज्यों के नंबर 62 से ज्यादा हैं, उन्हें फ्रंट रनर की कैटेगरी में रखा गया है, जिनके नंबर 48 से ज्यादा 62 से कम हैं, उन्हें अचीवर्स कैटेगरी में रखा गया है। जिन राज्यों के नंबर 48 से कम हैं, उन्हें महत्वाकांक्षी प्रदेशों की सूची में रखा गया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश ये 7 राज्य हैं, जिनका स्कोर 48 से कम है।
राज्य | नम्बर |
केरल | 1 |
तमिलनाडु | 2 |
तेलंगाना | 3 |
आंध्र प्रदेश | 4 |
महाराष्ट्र | 5 |
गुजरात | 6 |
हिमाचल प्रदेश | 7 |
पंजाब | 8 |
कर्नाटक | 9 |
छत्तीसगढ़ | 10 |
हरियाणा | 11 |
असम | 12 |
झारखंड | 13 |
ओडिशा | 14 |
उत्तराखंड | 15 |
राजस्थान | 16 |
मध्य प्रदेश | 17 |
बिहार | 18 |
उत्तर प्रदेश | 19 |
केंद्र शासित प्रदेश में दादरा नगर हवेली, दमन और दीव 66.20 अंकों के साथ टॉप पर हैं, जबकि 44.47 अंकों के साथ अंडमान निकोबार सबसे फिसड्डी केंद्र शासित राज्य है। छोटे राज्यों में 75.77 अंको के साथ मिजोरम टॉप पर है और 27 अंकों के साथ नागालैंड सबसे फिसड्डी राज्य है।
नीति आयोग के मुताबिक, हेल्थ इंडेक्स के लिए 4 राउंड का सर्वे किया गया था और इसके हिसाब से स्कोरिंग की गई थी, चारों राउंड में केरल टॉप पर रहा। केरल का ओवरऑल स्कोर 82.20 रहा। वहीं, दूसरे नंबर पर रहे तमिलनाडु का स्कोर 72.42 रहा। इस इंडेक्स में सबसे कम 30.57 स्कोर उत्तर प्रदेश का रहा।
अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...
राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...
लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...