काफी संघर्ष के बाद सरयू नहर से किसानों को मिल रहा पानी
2016 में जहाँ मात्र 12 नहरें ही थीं वहीं 2021 तक 33 नई नहरों का निर्माण कराया गया। अब 45 नहरों से 226 गांव तक पहुंचने लगा पानी, 74000 किसानों को मिल रहा है लाभ।
रिपोर्ट - कुमार संजय
गोंडा। सरयू नहर परियोजना की राह काफी संघर्ष वाली रही। 50 सालों से चल रही परियोजना अब जाकर पूरी हो पाई है। 2016 में जहाँ मात्र 12 आंशिक नहरें ही थीं वहीं 2021 तक आते-आते उन्हें पूर्ण कराने के साथ 33 नई नहरों का निर्माण कराया गया। जिसके चलते आज वह सभी 45 नहरें 226 गावों के 74000 किसानों की जीवन रेखा बन गई हैं। 2016 में सरयू नहर खण्ड-एक में अधिशाशी अभियंता के पद पर जनपद में आये सतीश कुमार ने योजना को गंभीरता से लिया।
226 गावों के 74 हजार किसान उठा रहे सरयू नहर से लाभ
अधिशाशी अभियंता ने बताया कि, 2016 में जनपद में उनकी नियुक्ति के समय आंशिक रूप से सिर्फ 12 नहरें ही बन पाईं थीं।जिसके चलते सरकार की किसानो के खेतों तक सिंचाई हेतु पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी सरयू नहर परियोजना जनपद में आगे नहीं बढ़ पा रही थी। जमीन अधिग्रहण को लेकर हर ओर विवाद ही था।जिसके कारण कार्य में अवरोध उत्पन्न हो रहा था। नहर के रास्तों पर पड़ने वाली जमीनों के मालिक किसानों तक पहुंच कर उन्हें नहर से होने वाले फायदों को समझाने के साथ उन्हें अपनी-अपनी भूमि को विभाग को देने हेतु मनाया। आपसी समझौते के उपरांत उन जमीनो पर 2021 के प्रारम्भ तक 33 नई नहरें बना दीं इसी के साथ पूर्व में आंशिक रूप से बनीं 12 नहरों को पूरा कराने के साथ उन पर पुल एवं पुलियों का निर्माण कराया। जिसका लाभ अब समूचे क्षेत्र के 226 गावों के 74 हजार किसान उठा रहे हैं। अब उन्हें खेतों की सिंचाई के लिये पानी की कमी नही हो रही। जिससे उन इलाकों में फसलों के लहलहाने के साथ वह सम्पन्न हो गये हैं।