आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया फर्जी आइपीएस, धोखे से रचाई थी शादी; दहेज में लिए थे 40 लाख, लग्जरी कार और सोना
थाना रिफाइनरी मथुरा के रहने वाले संजय ने आगरा की युवती से की थी शादी। पीड़िता के पिता ने एत्माद्दौला थाने में दर्ज कराया था अभियोग। दारोगा ने रिश्वत लेकर धाराओं में हेरफेर किया था जिसके बाद उसपर कार्रवाई हुई थी।
खुद को प्रशिक्षु आइपीएस बताकर शादी करने के मामले में आरोपित संजय को मंटोला पुलिस ने मंगलवार को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित वहां पर आदित्य सिटी में अपनी महिला मित्र के साथ रह रहा था। आरोपित मूलरूप से रिफाइनरी मथुरा का रहने वाला है।
प्रशिक्षु आइपीएस बताकर की थी शादी
एत्माद्दौला के कालिंदी विहार के रहने वाले श्रीनिवास ने पुत्री खुश्बू की शादी 15 मार्च 2021 को संजय पुत्र रनवीर सिंह से की थी। नरसीपुरम थाना रिफाइनरी मथुरा निवासी संजय ने खुद काे प्रशिक्षु आइपीएस बताया था। आइपीएस का अपना फर्जी पहचान पत्र भी उन्हें दिखाया था। खुशबू के ससुराल पहुंचने पर संजय और ससुरालवालों ने नोएडा में फ्लैट की मांग रखी। इस दौरान आरोपित ने पत्नी का गर्भपात भी करा दिया। विरोध करने पर पति और ससुरालवालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया।
नोएडा में महिला मित्र के साथ रहता था
इसी बीच श्रीनिवास काे पता चला कि आरोपित संजय नोएडा में किसी महिला मित्र के साथ रहता है।आठ जून को श्रीनिवास और खुशबू संजय से मिलने नोएडा गए थे। उसने अपना पता नहीं दिया, खुद आकर मिला। दोबारा मिलने का प्रयास करने पर जान से मारने की धमकी दी। जिसकी शिकायत लेकर श्रीनिवास बेटी की ससुराल मथुरा पहुंचे। ससुर रनवीर और सास शिव कुमारी ने धमकी दी। ससुर ने राइफल से फायर कर दिया।
मंटोला पुलिस ने दी दबिश
श्रीनिवास ने 30 जुलाई 2022 को एत्माद्दौला थाने में संजय, रनवीर और शिव कुमारी के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना मंटोला पुलिस द्वारा की जा रही थी। पुलिस ने मंगलवार को नोएडा के आदित्य सिटी में दबिश दी। पुलिस का पता चलने पर आरोपित शौचालय में छिप गया। उसकी महिला मित्र ने संजय के वहां होने से मना किया। महिला पुलिस की मदद से फ्लैट की तलाशी लेने पर आरोपित वहां मिल गया। सहायक पुलिस आयुक्त सुकन्या शर्मा ने बताया कि आरोपित संजय को गिरफ्तार किया गया है।
विवेचना में रिश्चत लेने पर दारोगा के खिलाफ दर्ज हुआ था अभियोग
अभियोग की विवेचना में आरोपितों से रिश्चत लेने के आरोप में दारोगा मनवीर सिंह को निलंबित कर दिया था। पीड़ित पक्ष ने तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी से विवेचक की शिकायत की थी। आरोपितों से रिश्चत लेकर नाम निकालने, धाराओं को कम करने का आरोप लगाया था। एसएसपी ने दारोगा मनवीर के खिलाफ भ्रष्टाचार का अभियोग दर्ज कराया था।
दहेज में लिए थे 40 लाख, लग्जरी कार और सोना
खुद को प्रशिक्षु आइपीएस बताने वाले संजय ने दहेज में 40 लाख रुपये नकद, लग्जरी कार के अलावा 350 ग्राम सोने के जेवरात लिए थे। पुलिस अधिकारियों के साथ उसके फोटो देखकर लोगों को उसके आइपीएस होने का विश्वास हो गया था।
पुलिस दबिश से खुली फर्जी आइपीएस की पोल
पीड़ित श्रीनिवास ने बताया आरोपित ने सोसाइटी के लोगों से खुद को आइपीएस अधिकारी बता रखा था। मंगलवार को पुलिस दबिश देने गई तो सोसाइटी के लोग वहां जुट गए। पुलिस से पूछताछ करने लगे। पुलिस ने बताया कि संजय के खिलाफ अभियोग दर्ज है। वह आइपीएस अधिकारी नहीं है, जिससे सोसाइटी के लोग भी हैरान रह गए। उसका रहन-सहन देखकर लोगों को उसके अधिकारी होने पर विश्वास था।