AIIMS गोरखपुर: क्या बनेगा भोजन... अब ये मेडिकल छात्र बताएंगे, खाने की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल के बाद किया गया फैसला
पिछले दिनों गोरखपुर एम्स मेस के भोजन में गुणवत्ता की कमी की शिकायत ईडी के पास पहुंची थी। छापा मारने पहुंचे कार्यकारी निदेशक (ED) व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) प्रो . गोपाल कृष्ण पाल के निर्देश पर छात्रों के हित में व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। अब मेस में छात्र तय करेंगे कि क्या भोजन बनना है ।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की व्यवस्था सुधार की ओर तेजी से बढ़ने लगी है। मेस में भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद छापा मारने पहुंचे कार्यकारी निदेशक (ईडी) व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रो. गोपाल कृष्ण पाल के निर्देश पर छात्रों के हित में व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है।
अब मेस में छात्र तय करेंगे कि क्या भोजन बनना है। भोजन तय मेन्यू के अलावा भी बन सकेगा। इसके लिए हर बैच के दो-दो छात्रों की समिति बनाई गई है। भोजन की गुणवत्ता पर यह छात्र रोजाना सुबह-शाम फीडबैक देंगे। गलत फीडबैक से संचालक की मुश्किल बढ़नी तय है।
एम्स में वर्तमान में तकरीबन 550 एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र हैं। इसके अलावा बीएससी नर्सिंग की 180, एमएससी नर्सिंग की 13 छात्राएं मेस में भोजन करती हैं। तकरीबन दो सौ सीनियर रेजिडेंट व जूनियर रेजिडेंट में भी ज्यादातर मेस में खाना खाते हैं।
पिछले दिनों मेस के भोजन में गुणवत्ता की कमी की शिकायत नए ईडी के पास पहुंची थी। वह तत्काल मेस पहुंच गए और गुणवत्ता को ठीक करने को कहा। इसके बाद तय हुआ कि मौसमी सब्जियों का इस्तेमाल हर हाल में होगा।
गीजर चलेगा, सफाई बढ़ेगी
एम्स के हास्टलों में गीजर चलाए जाएंगे। साथ ही सफाई की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाएगा। भोजन के समय में भी बढ़ोतरी होगी। इसके लिए छात्रों के बताने के आधार पर समय तय किया जाएगा। ईडी के निर्देश पर हास्टल में प्रकाश की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है।
कैफेटेरिया के लिए जारी हो गया टेंडर
एम्स में कैफेटेरिया के लिए टेंडर जारी किया गया है। यहां कम रेट पर खाने-पीने का सामान उपलब्ध होगा। एम्स प्रशासन भोजन की व्यवस्था सुदृढ़ करने के बाद वाहन स्टैंड की व्यवस्था को दुरुस्त करेगा। यहां अभी बहुत अनियमितता है।
छात्र हमारे ब्रांड अंबेसडर हैं। उनके लिए अच्छी पढ़ाई, अच्छा भोजन, अच्छा रहन-सहन हमारी जिम्मेदारी है। इसी दिशा में हम काम कर रहे हैं। हर 15 दिन पर मेस व हास्टल की व्यवस्था को लेकर बैठक भी की जाएगी। -अरुण कुमार सिंह, उप निदेशक प्रशासन, एम्स गोरखपुर