सपा विधायक इरफान की जमानत अर्जी खारिज, फर्जी आधार कार्ड पर हवाई सफर करने का है आरोप
महराजगंज जेल में बंद सपा नेता इरफान सोलंकी पर फर्जी आधार कार्ड बनवाने और उस पर हवाई सफर करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। सोलंकी पर आरोप है कि एक अन्य मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए जालसाजी कर फर्जी आधार बनवाया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फर्जी आधार कार्ड पर हवाई सफर करने के मामले में कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने दिया है।
यह है पूरा मामला
कानपुर के ग्वालटोली थाने में फर्जी आधार कार्ड बनवाने और उस पर हवाई सफर करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसी मुकदमे में महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी पर आरोप है कि एक अन्य अपराधिक मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अशरफ के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उसके आधार पर हवाई यात्रा की तथा होटल में रुके। जमानत अर्जी में कहा गया कि याची को इस मामले में राजनीतिक रंजिश के कारण झूठा फंसाया गया है। मुकदमे में याची पर जो आरोप है उसमें अधिकतम तीन वर्ष कारावास की सजा है।
डीपी यादव को राहत देने से हाई कोर्ट का इन्कार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बाहुबली धर्मपाल सिंह उर्फ डीपी यादव को राहत देने से इन्कार कर दिया है। मुरादाबाद की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहे आपराधिक केस को रद करने की मांग के साथ दाखिल डीपी यादव की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दाखिल याचिका में विशेष अदालत के आठ दिसंबर 2020 के आदेश सहित केस कार्यवाही रद करने की मांग की गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने दिया है।
अपर शासकीय अधिवक्ता जे बी सिंह ने कोर्ट को बताया कि याची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 352 व 341 तथा धारा 7 आपराधिक संशोधन कानून के तहत दर्ज मामला अंतिम चरण पर है। अभियुक्त के बयान लेने की तारीख नियत है। कुछ सहअभियुक्तों का बयान दर्ज हो चुका है। कुछ का धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत बयान दर्ज होना है। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।
कपिलमुनि के खिलाफ विवेचना की वैधता को चुनौती
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कौशांबी के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र में अवैध खनन के आरोप में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया के खिलाफ पुलिस विवेचना व चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान लेने की वैधता देने वाली चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाए कि माइंस एंड मिनरल एक्ट के अपराध की पुलिस को विवेचना कर चार्जशीट दाखिल करने का कानूनी अधिकार है अथवा नहीं।
कोर्ट ने कहा, यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो प्रमुख सचिव खनन अगली सुनवाई की तिथि दो मार्च को हाजिर हों। कोर्ट ने कहा तब तक करवरिया को मिली अंतरिम राहत जारी रहेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने कपिलमुनि की याचिका पर दिया है। याची की तरफ से अधिवक्ता सुरेशचंद्र द्विवेदी ने बहस की। कहा कि माइंस एंड मिनरल एक्ट के अंतर्गत अपराध की जांच केंद्र या राज्य के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा लिखित शिकायत पर की जाएगी। पुलिस को इस कानून के तहत विवेचना करने व चार्जशीट दाखिल करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या एसएचओ को इस एक्ट के अपराध की विवेचना कर चार्जशीट दाखिल करने का अधिकार है।