UP में नया गठबंधन PDM, ओवैसी-पल्लवी हुए एक साथ, ओवेसी बोले कहा-सिर्फ चुनाव तक...
लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री हो गई है। AIMIM ने अपना दल (कमेरावादी) से किया गठबंधन। 35 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी।
लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री हो गई है। AIMIM ने पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) से गठबंधन किया है। चर्चा है कि 35 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। लखनऊ में 2 बजे पल्लवी और असदुद्दीन ओवैसी प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,"अखिलेश यादव कहते हैं कि ओवैसी BJP की B टीम हैं, इसलिए बार-बार यूपी में आकर चुनाव लड़ते हैं। वो ये बताएं कि क्या इसीलिए डॉ. एसटी हसन का टिकट कटवा दिया, रामपुर के लिए हमी जिम्मेदार है, उनकी कोई जिम्मेदारी है ही नहीं है।"
उन्होंने कहा,"हमें इस चुनाव तक रुकना नहीं चाहिए। उसे आगे लेकर जाना चाहिए। हमें यकीन है कि यूपी की जनता PDM को सहयोग करोगी।"
मीडिया द्वारा किये गए सवाल पर पल्लवी पटेल ने कहा,"हम कृष्ण के अनुयायी हैं। सुई की नोक बराबर भी जमीन नहीं देंगे आप। हठधर्मिता का मतलब महाभारत होगा।" इसके बाद पल्लवी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुनाई। दे दो केवल 5 ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के PDA के मुकाबले में पल्लवी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम नेताओं यानी PDM को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने यूपी में साइलेंट चल रहे असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाया है।
2024 में अखिलेश को मिला था ओवैसी का साथ
2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने आजमगढ़, रामपुर, मुरादाबाद, संभल समेत 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। उन्हें मुस्लिम वोटर्स का साथ मिला था। अब ओवैसी के साथ अपना दल (कमेरावादी) के आने से मुस्लिम वोटर्स को नए विकल्प मिलेंगे। ध्रुवीकरण की इस सियासत में अखिलेश को पश्चिम की सीटों पर नुकसान हो सकता है।
अब समझिए अपना दल कमेरावादी और सपा में फूट कब और कैसे पड़ी...
पल्लवी की बगावत, अखिलेश से बात तक नहीं की। 20 मार्च को अखिलेश यादव को बिना बताए पल्लवी पटेल ने अपनी पंसद की 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। ये सीटें- फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी थीं। पल्लवी के ऐलान के 3 घंटे बाद ही सपा ने मिर्जापुर से राजेंद्र एस बिंद को टिकट दे दिया था।
दरअसल, हुआ यूं कि 20 मार्च को पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति की बैठक हुई। मीटिंग के बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि हम I.N.D.I गठबंधन में लंबे समय से हैं। इसके तहत ही हमने 3 सीटों की घोषणा की।
पार्टी के इस ऐलान को लेकर दैनिक भास्कर ने पल्लवी पटेल से बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि हमें फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी सीटें चाहिए। अब गठबंधन तय करेगा कि हमने जो सीटें मांगी हैं, वह देगा या नहीं? कांग्रेस से भी जवाब नहीं मिलने पर पल्लवी नए विकल्प की तलाश में जुट गईं। अब पल्लवी ने ओवैसी के साथ गठबंधन किया है।
राज्यसभा चुनाव में भी पल्लवी और अखिलेश के बीच तल्खी सामने आई थी
यूपी में राज्यसभा चुनाव में भी पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव के बीच तल्खी सामने आई थी। पल्लवी ने पहले राज्यसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की बात कही। हालांकि, बाद में उन्होंने सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। मगर, वह मतदान करने तब पहुंचीं, जब अखिलेश सदन से चले गए थे।
दरअसल, पल्लवी का कहना था कि जिस PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की बात अखिलेश यादव करते हैं, वह राज्यसभा उम्मीदवारों के चयन में कहीं नहीं दिखा। दैनिक भास्कर से बात करते हुए पल्लवी पटेल ने कहा था- कुछ लोग PDA के नाम पर बच्चन और रंजन को राज्यसभा भेज रहे। यह ठीक नहीं। अगर बात पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की करते हैं तो राज्यसभा के चुनाव में उन्हें उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया गया?
हालांकि, पल्लवी पटेल के करीबियों ने दावा किया था कि अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए पल्लवी को फोन किया था। बातचीत के क्रम में अखिलेश ने पल्लवी पटेल को आलोक रंजन को वोट देने के लिए मनाया था।
2009 से राजनीति में सक्रिय पल्लवी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य को हराया था
पल्लवी पटेल दिग्गज नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। वह साइंस की छात्रा रही हैं। वो अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन हैं। पिता सोनेलाल पटेल के निधन के बाद पल्लवी पटेल 2009 में राजनीति में सक्रिय हुईं। पिता के निधन के बाद उनकी मां कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनीं।
अनुप्रिया पटेल ने राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद 2014 में कृष्णा पटेल ने पल्लवी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया। अनुप्रिया ने इसका विरोध किया और 2016 में मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया। इसके बाद पार्टी दो धड़े में बंट गई।
एक तरफ जहां अनुप्रिया पटेल, अपना दल (सोनेलाल) भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, पल्लवी अपना दल (कमेरावादी) से चुनाव लड़ती आई हैं। सपा के साथ गठबंधन कर यूपी विधानसभा चुनाव में भी उतरी थीं। उन्होंने कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव मौर्य को हराया था। फिलहाल, पल्लवी पटेल अपना दल कमेरावादी की कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। उनके पति पंकज निरंजन पटेल भी पार्टी में सक्रिय हैं।
पल्लवी ने 2019 में कांग्रेस से किया था गठबंधन
2019 में पल्लवी की पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन था। कांग्रेस ने उनके पति पंकज पटेल को फूलपुर से टिकट दिया था। पिछले चुनाव में वह भाजपा और सपा उम्मीदवार के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे।
विधानसभा चुनाव में 95 सीटों लड़ी थी AIMIM
2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में ओवैसी ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। 2022 के विधानसभा चुनावों में ओवैसी की पार्टी 95 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, मगर किसी भी सीट पर वह जीत नहीं सकी।