अयोध्या में अब पहले बनेगी मस्जिद, उसके बाद सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, एक साल में नमाज शुरू करने की योजना
नक्शा अयोध्या प्राधिकरण के अप्रूव होते ही अब मस्जिद ट्रस्ट आईआईसीएफ सबसे पहले मस्जिद का निर्माण शुरू करेगा। पहले फेज में मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर को तैयार कर उसमें एक साल के अंदर ही नमाज शुरू करवाने की योजना है।
मंदिर मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस 5 एकड़ जमीन को मस्जिद के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में आवंटित किया है। उसका नक्शा अयोध्या प्राधिकरण के अप्रूव होते ही अब मस्जिद ट्रस्ट आईआईसीएफ सबसे पहले मस्जिद का निर्माण शुरू करेगा। पहले फेज में मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर को तैयार कर उसमें एक साल के अंदर ही नमाज शुरू करवाने की योजना है।
मस्जिद ट्रस्ट ने अब सुपर स्पेसियलिटी हास्पिटल का निर्माण पहले करवाने के प्लान में बदलाव कर दिया है। आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक मुस्लिम समाज के खास लोगों की मंशा पहले मस्जिद का निर्माण कर उसमें नमाज शुरू करवाने की है। उन्होंने बताया कि मस्जिद काम्पलेक्स का पूरा प्राजेक्ट 500 करोड़ का है। इसमें से दो मंजिला आधुनिक डिजाइन की मस्जिद के निर्माण में 5 करोड़ केा खर्च आएगा। जिसका ग्राउंड फ्लोर ढाई करोड़ में तैयार हो जाएगा।
उन्होने कहा कि मस्जिद का नक्शा पास होने में विलंब के चलते इसके निर्माण के लिए धन संग्रह का मामला भी धीमा हो गया है। उसके बावजूद मस्जिद का ग्राउंड फ्लोर तैयार के लिए ट्रस्ट के पास धन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि मस्जिद का नक्शा अप्रूव होकर ट्रस्ट जैसे मिलेगा मस्जिद का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। एक साल के अंदर मस्जिद का इतना निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें नमाज अदा करने की व्यवस्था कर ली जाए।
कई फेज में बांट कर होगा निर्माण-
अतहर हुसैन के मुताबिक मस्जिद के पूरे कॉम्पलेक्स का निर्माण कई फेज में बांट कर करवाया जाएगा। पहले फेज में मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर के निर्माण के साथ 100 बेड के हॉस्पिटल के निर्माण को भी जोड़ा गया है। 100 बेड के हॉस्पिटल के निर्माण पर 50 करोड़ का खर्च आएगा। इसे दूसरे फेज के निर्माण में 200 बेड के हास्पिटल में कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दूसरे फेज के निर्माण में मस्जिद की दूसरी मंजिल का निर्माण शामिल है। उन्होंने बताया कि अगले चरण के निर्माण मे कम्युनिटी किचन, लाइब्रेरी, रिसर्च सेंटर, आदि का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि मस्जिद का निर्माण शुरू होते ही सहयोग राशि का आना शुरू हो जाएगा, जो निर्माण की प्रगति के साथ बढ़ता रहेगा।
जमीन की हो चुकी है साइल टेस्टिंग-
उन्होंने बताया कि मस्जिद निर्माण की सारी तकनीकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जमीन की साइल टेस्टिंग हो चुकी है जो निर्माण के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। यहां की जमीन भी लगभग समतल है। ऐसे में मस्जिद के भवन का निर्माण तुरंत शुरू करवाने में कोई अड़चन सामने नहीं आएगी।