अयोध्या: नरसिंह मंदिर के पुजारी ने सोशल मीडिया पर लाइव करते हुए की आत्महत्या, चौकी इंचार्ज पर लगाए गंभीर आरोप
अयोध्या के रायगंज में नरसिंह मंदिर के पुजारी रामशंकर दास ने गमछे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड से पहले रविवार को फेसबुक पर लाइव आए। इस दौरान उन्होंने पुलिस वालों पर 2 लाख रुपए घूस मांगने का आरोप लगाया। 2.50 सेकेंड तक वह लाइव रहे।
पुजारी के लाइव सुसाइड करने की जानकारी फेसबुक और पुलिस तक को नहीं हुई। बता दें कि यूपी पुलिस का फेसबुक से एक टाइअप है। मेटा अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाले टेक्स्ट, वीडियो और फोटो पर पर बारीकी से नजर रखती है।
इसमें छत के पंखे से लेकर चाकू, जहर या गोलियां तक पर नजर रखी जा रही है। यानी अगर कोई यूजर इस तरह के पोस्ट करके सुसाइड कर रहा है तो मेटा उसका अलर्ट पुलिस को भेजती है। पुलिस फौरन एक्शन लेते हुए सुसाइड कर रहे शख्स को बचाने की पूरी कोशिश करती है। लेकिन 2.50 मिनट तक फेसबुक पर लाइव रहे पुजारी को पुलिस नहीं बचा सकी।
पुजारी ने कहा- मैंने कल से भोजन तक नहीं किया है
पुजारी ने लाइव आकर कहा, "मैं रायगंज पुलिस चौकी इंचार्ज और सुभाष सिंह की वजह से लाइव आत्महत्या करने जा रहा हूं। आप लोग न्याय को न्याय और अन्याय को अन्याय साबित कराएं। मैंने कल से भोजन तक नहीं किया है। क्योंकि रायगंज चौकी इंचार्ज मुझे प्रताड़ित करते हैं। 2 लाख रुपए घूस मांगते हैं। मैं 2 लाख कहां से ले आऊं। इस वजह से मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।"
गमछे से ही फंदा बनाया
पुजारी रामशंकर दास रविवार शाम को लाइव थे। वे सिर पर गमछे की पगड़ी बांधे थे। लाइव आने के 1:10 मिनट बाद उन्होंने अपनी पगड़ी उतारी। थोड़ी देर पुलिस वालों पर आरोप लगाए। इसके बाद पगड़ी का फंदा बनाया। 1:51 मिनट पर उन्होंने गले में फंदा कंसा और लटकने के लिए तखत पर खड़े होकर गमछा को किसी सहारे से बांधते हैं। इसी बीच लाइव खत्म हो जाता है।
कोतवाल मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि पुजारी नशे का आदी था, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली है। वह रविवार शाम मंदिर के पास स्थित रायगंज पुलिस चौकी की ओर से टहलते हुए गया था। मंदिर के लोगों ने सोमवार सुबह 9 बजे तक जब पुजारी को नहीं देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी।
सूचना पर एसपी सिटी मधुबन सिंह, सीओ अयोध्या एसके गौतम, कोतवाल मनोज शर्मा पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में मंदिर के कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। अंदर खूंटी पर पुजारी का शव लटका था।
9 महीने पहले मंदिर में हुई थी बमबाजी
मंदिर के विवाद को लेकर 9 महीने पहले 18 अगस्त को भोर में बमबाजी हुई थी। इसके बाद मंदिर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। बमबाजी के बाद से मंदिर के महंत रामशरण दास भी गायब हैं।
पुजारी ने पहले ही हत्या की आशंका जताई थी
पुलिस के मुताबिक, कुछ लोग मंदिर पर कब्जा करना चाहते थे, पुजारी ने बदमाशों का नाम लेकर पहले ही अपनी मौत की आशंका जताई थी। पुजारी राम शंकर दास ने कुछ दिन पहले वीडियो जारी कर अयोध्या के कई बदमाशों द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जताई थी।
पुजारी ने वीडियो जारी करते हुए कहा था कि पहले बम से हमला, बाद में मुकदमे में भी फंसाने की साजिश की गई। बमबाजी में बदमाशों की गिरफ्तारी न होने और उनके द्वारा लगातार परेशान किए जाने से पुजारी राम शंकर दास परेशान थे।