लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद बदायूं में अलर्ट, भारी पुलिस बल तैनात
लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर की हत्या के बाद बदायूं न्यायालय में भी सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है। आने-जाने वाले व्यक्तियों की तलाशी ली जा रही है। सुरक्षाकर्मियों से बातचीत कर सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर की हत्या के बाद बदायूं न्यायालय में भी सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है। आने-जाने वाले व्यक्तियों की तलाशी ली जा रही है। सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने कोर्ट परिसर में पहुंचकर सुरक्षा कर्मियों से बातचीत कर सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना चेकिंग किये किसी को अंदर न जाने दें। कोर्ट के हर कोने पर पुलिस के जवान खड़े कर दिए गए हैं। पीएसी की एक टुकड़ी भी न्यायालय परिसर में तैनात है। फिलहाल अब तक कोई आपत्तिजनक वस्तु या खुराफाती तत्व नहीं मिला है।
खुफिया तंत्र से हो निगरानी
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी जिलों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा किए जाने के साथ ही पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए। कोर्ट में पेशी पर आने वाले आरोपितों की सुरक्षा को लेकर खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया जाए। अभिसूचना संकलन कर आरोपितों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सोशल मीडिया पर होगी निगरानी
इसके साथ ही हर जिले में सोशल मीडिया सेल को भी पूरी तरह सक्रिय किए जाने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी जिलों में न्यायधीश/जिला मजिस्ट्रेट तथा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कोर्ट परिसरों में सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहीं कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो, इसको देखते हुए सभी जिलों में पूरी सतर्कता व पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अदालतों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश
अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद पुलिस मुख्यालय ने अदालतों में सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं। विशेष पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशान्त कुमार की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया है कि सभी जिलों व पुलिस कमिश्नरेट के अधीन आने वाली अदालतों में तत्काल प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाए।
इसे लेकर न्यायाधीशों, जिला मजिस्ट्रेट व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके सुरक्षा के जरूरी कदम उठाए जाएं। वहीं अभियुक्तों को पेशी पर लाने से पहले उनके संबंध में सूचनाएं एकत्र करके सुरक्षा के प्रबंध किए जाएं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया की भी मदद ली जाए।