बाराबंकी व गोरखपुर में चमत्कार का दावा, नंदी के शिव ने पिया दूध और पानी, भक्तों की उमड़ी भीड़
बाराबंकी के लखपेड़ाबाग व गोरखपुर के सहजनवां, चौरीचौरा, पीपीगंज, चिल्लूपार, चिलुआताल सहित शहर के कई इलाकों में स्थित महादेव मंदिर स्थित शिव मंदिरों में भी भक्तों ने नंदी द्वारा पानी के साथ दूध पीने का दावा किया।
यूं तो ईश्वर के चमत्कारों को लेकर कई किस्से सामने आते रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार से लेकर सोमवार तक बाराबंकी व गोरखपुर जिले के कई शिव मंदिरों में एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला। भक्तों का दावा है कि मंदिरों में शिवलिंग के समक्ष बैठे नंदी ने उनके हाथों दूध और पानी पिया। इसके बाद जैसे ही यह बात अन्य भक्तों तक पहुंची तो जिले के कई मंदिरों में भीड़ जुट गई और यह क्रम जारी रहा।
नंदी के दूध और पानी पीने की शुरुआत रविवार को कब और कैसे हुई इसे लेकर कई प्रकार की बातें सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर धार रोड, हरि ओम नगर स्थित शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ का वीडियो सामने आया। इसमें महिलाएं और बच्चे नंदी को पानी पिलाते नजर आए। इस पर मंदिर में भीड़ लगने लगी। आसपास के लोगों ने दावा किया कि नंदी ने उनके हाथों पानी पिया है। सहजनवां, चौरीचौरा, पीपीगंज, चिल्लूपार, चिलुआताल सहित शहर के कई इलाकों में स्थित महादेव मंदिर स्थित शिव मंदिरों में भी भक्तों ने नंदी द्वारा पानी के साथ दूध पीने का दावा किया।
वहीं कल यानि रविवार रात्रि को बाराबंकी जनपद के लखपेड़ाबाग इलाके में स्तिथ शिव मंदिर में भी ऐसी ही घटना सामने आई, ये मंदिर वहीं के जलालपुर प्राथमिक विद्यालय के निकट स्तिथ है. यहाँ पर शाम 6 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक मोहल्ले के निवासियों ने नंदी जी को दूध पिलाया, वीडियो बनाए और महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन भी किया गया.
इन दो कारणों से हो सकता है ऐसा - पंडित
इसी कड़ी में फिर सहजनवां क्षेत्र के शिव मंदिरों में लोगों ने दूध व पानी पिलाया। ऐसे ही चिलुआताल के शेरपुर चमराह गांव व मुहम्मदपुर माफी में प्राचीन शिव मंदिर मंदिर व उसके आसपास के मंदिरों में भीड़ जुटने लगी। ज्यादा भीड़ खजनी स्थित शिव मंदिर में रही। भक्तों ने कहा नंदी ने दूध और पानी पिया है। मंदिर के पुजारी पं. विनोद तिवारी ने बताया कि उनके पास भी कई स्थानों से खबरें आई हैं।
यह आस्था और धर्म से जुड़ा मामला है। इसमें दो कारण हैं एक भक्ति और दूसरा वैज्ञानिक। देखा जाए तो मूर्ति जब पुरानी हो जाती है तो उसमें छिद्र हो जाते हैं जो पानी सोखने लगता है। देवों के देव महादेव संसार में कुछ भी कर सकते हैं। उधर, पं. रविशंकर पांडेय ने बताया कि इस मंदिर में नंदी द्वारा दूध-जल पीने जैसा वाकया नहीं हुआ।
तीन दशक पहले भी दूध पीने के किस्से आए थे सामने
1990 के दशक में भगवान की मूर्तियों द्वारा दूध पीने के किस्से सामने आए थे। उस दौरान भी गोरखपुर के साथ ही देश भर के अन्य शहर और राज्यों में भी भगवान की मूर्तियों द्वारा दूध पीने की बातें सामने आई थी। इसके बाद बीते सालों में कुछेक मंदिरों में ऐसे मामले हुए।