बाराबंकी: सौर ऊर्जा से चमकेगी 50 हजार बुनकर परिवारों की किस्मत
इसमें 50 से 75 प्रतिशत तक अनुदान सरकार देगी जबकि बाकी 25 प्रतिशत बैंक से लोन लेकर पूरा किया जाएगा। इसकी कार्यदाई संस्था यूपी नेडा होगी।
जिले के 50 हजार से अधिक बुनकर परिवारों की किस्मत अब सोलर ऊर्जा से चमकेगी। अब न महंगे बिजली बिल की टेंशन होगी न ही कर्ज की। बुनकर परिवारों को मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के माध्यम से सोलर प्लांट उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें 50 से 75 प्रतिशत तक अनुदान सरकार देगी जबकि बाकी 25 प्रतिशत बैंक से लोन लेकर पूरा किया जाएगा। इसकी कार्यदाई संस्था यूपी नेडा होगी।
जिले के जैदपुर, सफदरगंज, मसौली, सिद्धौर, सतरिख कस्बे में बुनकर परिवारों की संख्या बहुत है। दशकों से ये परिवार पावरलूम मशीनों व हथकरघा पर निर्भर हैं। कुछ सालों से हथकरघा का प्रचलन कम हो गया है। पावरलूम मशीनें बिजली सेे संचालित होती हैं। लेकिन इसके लिए बिजली का कामर्शियल कनेक्शन लेना पड़ता है।
बुनकरों के अनुसार, मात्र एक मशीन के सामान्य संचालन पर ढाई से तीन हजार रुपये बिल आता है। बुनकरों के पास तीन से 10 मशीनें तक हेैं। लॉकडाउन के दौरान इस कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा और अधिकतर जगह मशीनें खामोश हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के तहत बुनकरों को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने को लेकर अनुदान मिलेगा।
सामान्य वर्ग के बुनकरों को सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देगी जबकि अनुसूचित जाति के बुनकरों को 75 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। बाकी बैंक से लोन मिलेगा। जैदपुर के कमरुजज्मा कहते हैं कि वस्त्र बुनने के काम से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हैं।
जैदपुर के ही हाफिज असजद उल्लाह बताते है कि बिजली महंगी होने के कारण मशीनें ठप पड़ी है। ऐसे में योजना से धंधा फिर चल सकता है। इस योजना की कार्यदाई संस्था यूपी नेडा के परियोजना अधिकारी टीकाराम ने बताया कि यह योजना बुनकरों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
पांच से 25 किलोवाट तक के होंगे प्लांट
योजना के तहत पांच से 25 किलोवाट के तक प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन पर साढ़े आठ लाख से 42 लाख तक का खर्चा आएगा। बुनकर परिचय पत्र व बिजली के कनेक्शन का प्रमाण देना होगा। सोलर प्लांट लगाने के लिए छत पर पर्याप्त स्थान होना चाहिए। आवेदक की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए।
कम से कम 10 प्रतिशत होंगी महिला बुनकर
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के तहत लाभ दिए जाने में कम से कम 10 प्रतिशत महिला बुनकर होंगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अनुदान दिया जाएगा।