बाराबंकी: बच्चों ने सोलर गांधी की चलती-फिरती प्रयोगशाला देखी, गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाना भी सीखा
जहां तरफ बच्चों ने गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाने के तरीकों के बारे में जाना। तो दूसरी तरफ सोलर गांधी से मुलाकात करके उनकी चलती-फिरती प्रयोगशाला भी देखी।
बाराबंकी में बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बच्चों की संयुक्त टीम भारतीय विष अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Toxicology Research) लखनऊ में शैक्षिक भ्रमण के लिये पहुंची। जहां बच्चों ने वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उनके रिसर्च के बारे में एक-एक बात बारीकी से जानी। जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत यह सभी बच्चे खंड शिक्षा अधिकारी बंकी सुषमा सेंगर के साथ शैक्षिक भ्रमण पर पहुंचे थे। जहां तरफ बच्चों ने गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाने के तरीकों के बारे में जाना। तो दूसरी तरफ सोलर गांधी से मुलाकात करके उनकी चलती-फिरती प्रयोगशाला भी देखी।
भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक भास्कर नारायण से भी बच्चों ने मुलाकात की। प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने बच्चों से अपने रिसर्च के बारे में विस्तृत रूप से बात की। साथ ही बच्चों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर भी दिया। इस दौरान Central Salt & Marine Research Institute-CSIR-CSMCRI के निदेशक डॉ. कन्नन श्रीनिवासन गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाने और अवशिष्टों के रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया को काफी रोचक तरीके से समझाया। उसके बाद National Botanical Research Institute (NBRI) के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने विश्व पर्यावरण दिवस दिवस के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण के महत्व को बताया और सभी से ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने के लिए जागरुक किया।
इसके बाद सोलर गांधी के नाम से मशहूर IIT मुंबई के प्रोफेसर डॉ. चेतन सोलंकी ने बच्चों को पर्यावरण के संरक्षण में ऊर्जा के संरक्षण के महत्व पर जरूरी जानकारी दी। आपको बता दें कि डॉक्टर चेतन सोलंकी को मध्य प्रदेश का सोलर ऊर्जा का एंबेसडर बनाया गया है। सबसे आखिर में तीनों संस्थानों के निदेशकों ने बच्चों से बातचीत की। साथ ही प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने अपनी चलती फिरती प्रयोगशाला बच्चों को दिखायी। इस दौरान राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रभारी प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह, शिक्षिका किरण विश्वकर्मा और लक्ष्मी सिंह समेत कई शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।