बाराबंकी में जीवा ने खड़ी की थी अपराधियों की फौज, जेल से चलाता था रंगदारी, सुपारी लेकर हत्या का गैंग
साल 2013 में संजीव जीवा बाराबंकी की जेल में बंद था। हालांकि कुछ न कुछ वजहों से संजीव बैरक में कम जेल अस्पताल में ज्यादा रहा। उस वक्त एक अखबार के स्टिंग ऑपरेशन से पता चला कि जिस वार्ड में बिना किसी बीमारी के संजीव जीवा एडमिट था वहां ऐशोआराम की हर वो चीज मौजूद थी, जो लोग अपने आलीशान घरों में रखते हैं। यही नहीं उसके दरबार में रोज दर्जनों लोग उससे मिलने आते थे। बताया जाता था कि वो व्यापारियों से रंगदारी मांगने के लिए उन्हें जेल बुलाया करता था।
राजधानी लखनऊ में कोर्ट के अंदर मारे गये गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का बाराबंकी से भी नाता रहा है। जीवा बाराबंकी जेल में भी मई 2013 से मई 2015 तक निरुद्ध रहा है। यहां रहने के दौरान जीवा ने नौजवान अपराधियों की फौज खड़ी की और उसे अंदर से ही ऑपरेट करता था। बाराबंकी जेल के अंदर से ही जीवा रंगदारी वसूली, हत्या करवाना, रियल स्टेट करोबार में बड़ी डील जैसे काम किया करता था। इतना ही नहीं जीवा को सत्ता का संरक्षण मिलने के चलते जिले के सपा नेताओं ने अपनी ही सरकार का विरोध भी किया था।
जीवा ने बाराबंकी जेल में रहने के दौरान स्थानीय युवाओं की एक फौज बना रखी थी। जिनसे रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जे का धंधा करवाता था। जेल से इलाज के बहाने लखनऊ जाकर रियल स्टेट की बड़ी डील करता था।
यहां के बंकी निवासी मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के जिला महासचिव अरविंद यादव की बंकी बाजार में 15 जनवरी 2014 को दिन दहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जिले के सपा नेताओं ने इसका आरोप जीवा पर लगाया था। अरविंद के पिता ने भी उसकी हत्या की आशंका जताते हुए तत्कालानी एसपी रहे आनंद कुलकर्णी को लिखित में जानकारी दी थी। लेकिन कार्रवाई होने से पहले ही अरविंद की हत्या कर दी गई। जीवा को तत्कालीन सपा की सरकार में सत्ता का संरक्षण मिला था
प्रयागराज जेल में रहते हुए बाराबंकी में खड़ा किया स्लीपर मॉड्यूल
प्रयागराज की जेल में रहने के दौरान ही जीवा ने बाराबंकी में अपने स्लीपर माड्यूल के रूप में अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ टेनी और सुनील अवस्थी जैसे लोगों की फौज तैयार की थी। इसके बाद जीवा ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर पूर्वांचल के जिलों के ईंट भट्टों के लिये आने वाले कोयला की खेप पर वसूली के लिए साल 2009 और 2011 में व्यापारियों को धमकी दी थी। इस पर दो रंगदारी वसूली के केस बाराबंकी की नगर की कोतवाली में दर्ज हुए थे। नगर कोतवाली में साल 2011 में जीवा के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था।