बाराबंकी: DM अविनाश कुमार ने किया ऑन द स्पॉट फैसला, किसान के आरोप सुनते ही लगाई लेखपाल की क्लास, बोले- इन्हें सस्पेंड करो
डीएम अविनाश कुमार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एक्शन लिया है।
बाराबंकी में डीएम अविनाश कुमार संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान मिल रही शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे। इसी दौरान एक मामले को सुनते ही उनका पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए घूस लेने के आरोपी लेखपाल की क्लास लगा दी। वहीं, मिल रहे जवाब से असतुंष्ट होकर लेखपाल को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए।
मामले में जिले के नकटा सेहरिया गांव के किसान माता प्रसाद तहसील संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी अविनाश कुमार से मिले। उन्होंने लेखपाल बृजभूषण शुक्ला पर वरासत करने के लिए 50 हजार रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया। इसके बाद डीएम ने एक्शन लिया और एसडीएम को आरोपी लेखपाल को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। वहीं अपने कार्यालय में उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की। मामले में डीएम ने राजस्व निरीक्षक को भी शोकॉज कर दिया है।
जमकर लताड़ा, बोले-सुधर जाओ
डीएम ने आरोपी लेखपाल को अपने दफ्तर में बुलाया। उनसे कई सवाल-जवाब किए।इसके बाद उन्हें जमकर लताड़ा। डीएम ने साफ कहा, 'व्यवस्था का मजाक बना रखा है। क्या चाहते क्या हैं आप लोग... सुधर जाइए। आरआई कहां हैं मामले का...।' जिस समय डीएम ऐसा कह रहे थे। पूरे कार्यालय में सन्नाटा पसर गया। पूरे घटनाक्रम का का वीडियो भी सामने आया है।
ऑनलाइन आवेदन किया था, उसे बार-बार रिजेक्ट किया जा रहा था
मामले में किसान ने आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को यह भी बताया कि 15 हजार रुपये देने के बाद लेखपाल ने और पैसे की डिमांड की। इसके बाद ही वो डीएम के पास पहुंचा। किसान ने बताया, ''मुझे डेढ़ साल हो गया, लेकिन जमीन का वरासत नहीं हुई। मेरी पत्नी का नाम कलावती, जिसकी मृत्यु हो चुकी है। भूमि संख्या 423 अभिलेखों में कलावती के नाम दर्ज है। दो पुत्रियां है, जिनका विवाह हो चुका है। पत्नी की मृत्यु होने पर वरासत भूमि मेरे नाम पर होनी चाहिए। हलका लेखपाल से मिलकर कई बार ऑनलाइन आवेदन कराया, लेकिन लेखपाल ने वरासत नहीं की।
बार-बार आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया और तहसीलदार कोर्ट पर मुकदमा चला दिया। कोर्ट पर वाद अविवादित होने पर राजस्व निरीक्षक को फाइल वापस भेज वरासत कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद भी लेखपाल ने वरासत नहीं की और ऑनलाइन आवेदन तीन बार खारिज कर दिया।''
किसान ने आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि 15 हजार रुपये लेने के बाद लेखपाल ने उनका काम यह कहकर नहीं किया कि मामला बाहर का है। वरासत करने के लिए 50 हजार रुपये लगेंगे। इसपर जब किसान ने असहमती जताई तो लेखपाल ने कहा कि ऊपर बैठे अधिकारियों को भी देना पड़ता है।
पूर्व में भी मिल चुकी हैं आरोपी लेखपाल के खिलाफ शिकायतें
बताया जा रहा है कि आरोपी लेखपाल के खिलाफ डीएम को पूर्व में भी कई शिकायतें मिल चुकी थी। इसके बाद अब उसपर एक्शन लिया गया है। जिलाधिकारी की सख्त कार्रवाई के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप है। पूरी कार्यवाही के बाद डीएम ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि लेखपाल को सस्पेंड करने के लिखित आदेश दिए गए हैं। कानूनगो को शोकॉज किया गया है। वहीं संबंधित अधिकारियों को पीड़ित किसान की समस्या दूर करने को कहा गया है।
बाराबंकी डीएम अविनाश कुमार के बारे में
अविनाश कुमार 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं। बाराबंकी से पहले वह हरदोई के जिलाधिकारी थे। हरदोई में तैनाती से पहले अविनाश कुमार मुख्यमंत्री के विशेष सचिव थे। यह पहली बार नहीं है कि अविनाश कुमार ने इस तरह एक्शन लिया है। इससे पहले भी उन्होंने ऑन द स्पॉट एक्शन लिए हैं।