मुख्तार ने जेल में मांगा लखनवी आम-केला, वकील बोले- वो अपराधी नहीं, राजनीतिक बंदी, उम्र के हिसाब से उनको चीजें दी जाएं
बाराबंकी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने विशेष सत्र न्यायाधीश के सामने जेल में केला और लखनऊ के आम खाने की फरियाद लगाई है।
कोर्ट में मुख्तार ने कहा कि साहब बांदा जेल में हमे अपने वकील से मिलने नहीं दिया जा रहा है। जब वह मिलने आते हैं तो हमारे लिए केले और लखनऊ के आम लेकर आते हैं। मुख्तार ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को गलत बताया है।
मुकदमे चलाए जा रहे हैं जो गलत हैं
उसने अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिये एक प्रार्थना पत्र 197 सीआरपीसी का अनुपालन करवाए जाने के लिए कोर्ट में दिया है। जिस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है।
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा है कि लोक सेवक पर कोई भी वाद चलाने से पहले राज्य सरकार की 197 सीआरपीसी के तहत अनुमति लेनी चाहिए थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ किसी भी मुकदमे में राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी। उसके बाद भी मुकदमे चलाए जा रहे हैं जो गलत हैं।
फल सरकार को उपलब्ध कराया जाना चाहिए
मुख्तार अंसारी के केला और आम खाने की फरियाद पर वकील रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि मुख्तार अंसारी साहब न्यायिक अभिरक्षा में 16-17 साल से हैं। न्यायिक अभिरक्षा में हर व्यक्ति के स्वास्थ्य को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। उनकी एक उम्र है, उम्र के हिसाब से उनको हर चीज, दवाएं और फल सरकार को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, क्योंकि मुख्तार अंसारी अपराधी नहीं है, वह राजनीतिक बंदी है।
राजनीतिक बंदियों के साथ सरकार को राजनीतिक तरीके से पेश आना चाहिए। रणधीर सिंह सुमन वकील ने आगे कहा कि जो लोग मुख्तार अंसारी को अपराधी बताते हैं वह गलत बताते हैं। राजनीतिक तरीके से जब उन्हें परास्त नहीं किया जा सका तब उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लिखकर उनकी राजनीतिक ताकत को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।