समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी की दो टूक, विपक्ष सियासी फायदे के लिए UCC का इस्तेमाल कर रहा है
पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता पर दो टूक बयान देते हुए कहा कि सियासी फायदे के लिए विपक्ष UCC का इस्तेमाल कर रहा है। मुसलमानों के पास जाकर भाजपा उनके भ्रम को दूर करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है। भोपाल में उन्होंने 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम में विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) का विपक्ष सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
सियासी फायदे के लिए UCC का इस्तेमाल: मोदी
पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता पर दो टुक बयान देते हुए कहा कि सियासी फायदे के लिए विपक्ष यूसीसी का इस्तेमाल कर रहा है। मुसलमानों के पास जाकर भाजपा उनके भ्रम को दूर करेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने सवाल भी किया कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूसीसी लाने के लिए क्यों कहा?
तुष्टिकरण ने देश का नुकसान किया: मोदी
कुछ लोग केवल अपने दल के लिए जीते हैं और अपने कल का ही भला करना चाहते। वह यह सब इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का कमीशन, मलाई खाने कट मनी का हिस्सा मिलता है। उन्होंने जो रास्ता चुना है, उसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और यह रास्ता है तुष्टिकरण और वोट बैंक का। गरीब को गरीब बनाए रखने, वंचित को वंचित बनाए रखने से उनकी राजनीति चलती है। तुष्टिकरण का यह रास्ता कुछ लाभ दे सकता है, लेकिन यह देश के लिए महाविनाशक होता है। यह देश के विकास को रोक देता है। देश में तबाही लाता है और विभेद पैदा करता है। समाज में दीवार खड़ी करता है।
एक तरफ इस तरह के लोग जो तुष्टिकरण करके अपने स्वार्थ के लिए दूसरों के विरुद्ध खड़े कर देते हैं। हमारे संकल्प बड़े हैं और हम हमारी प्राथमिकता से पहले देश को रखते हैं, इसलिए भाजपा ने यह निर्धारित किया है कि हमें तुष्टिकरण के रास्ते पर नहीं चलना है। वोट बैंक के रास्ते पर नहीं चलना है। हमारा रास्ता तुष्टिकरण नहीं संतुष्टिकरण का है। देश में जहां भाजपा सरकार है, वहां हम संतुष्टिकरण के अभियान में लगे हैं।
संतुष्टिकरण का रास्ता मेहनत वाला होता है। उसमें पसीना बहाना पड़ता है। अगर बिजली मिलेगी तो सबको मिलेगी, तब लोग संतुष्ट होंगे। नल से जल का अभियान चलेगा तो हर घर तक जल पहुंचाने का प्रयास होगा। इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। हमने देखा है कि कैसे तुष्टिकरण वाली गंदी सोच ने कुछ राज्यों ने लोगों के बीच खाई पैदा कर दी।