उत्तर-प्रदेश: UP-ATS ने पाकिस्तानी एजेंसी ISI के एजेंट गोंडा निवासी मो. रईस को गिरफ्तार किया है
मो. रईस को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय बुलाया गया था, जहां उसके कबूलनामे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड एटीएस को बड़ी सफलता मिल गई है। यूपी एटीएस ने पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट को गिरफ्तार किया है। एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान गोंडा जिले के तरबगंज निवासी मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है। एटीएस को जानकारी मिली थी कि आईएसआई एजेंट मो. रईस महत्वपूर्ण गोपनीय सूचनाओं को ISI हैंडलर्स को भेज रहा है। उसके एवज में उसे मोटी रकम भी मिलती थी। वहीं एटीएस की पूछताछ में मो. रईस ने अपना अपराध भी कबूल लिया है। वहीं अरमान और सलमान की गिरफ्तारी के लिए एटीएस की टीम मुंबई रवाना हो गई है।
एटीएस पूछताछ के खुलासा हुआ कि रईस कुछ साल पहले मुंबई में काम करता था, जहां उसकी मुलाकात अरमान नाम के शख्स से हुई थी। अरमान ने ही रईस को भारत में मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म और बाबरी मस्जिद की शहादत के बारे जानकारी दी और देश के खिलाफ जासूसी करने के लिए उकसाया था। उसी दौरान रईस ने अरमान से सऊदी अरब जाकर काम करने की इच्छा जाहिर की थी। तब अरमान ने रईस का नंबर एक पाकिस्तानी व्यक्ति को देने की बात कही थी उसने रईस से कहा कि पाकिस्तानी व्यक्ति तुम्हे कॉल करेगा।
अरमान ने रईस को बताया कि अगर तुम उसके यकीन पर खरे उतरे तो वो तुम्हे भारत के खिलाफ काम करके बदला लेने का मौका देगा। साथ ही मोटा पैसा और दुबई में नौकरी दिलाने की भी बात कही गई थी।
मो. रईस ने पूछताछ में बताया कि 2022 में उसके पास एक व्यक्ति ने विदेशी नम्बर से व्हाट्सएप कॉल करते हुए अरमान का जिक्र कर बात की थी। उस व्यक्ति ने ही हुसैन के बारे में बताते हुए कहा कि हुसैन तुमसे बात करेगा और बताएगा कि क्या करना है। तब से उसकी और हुसैन की आपस में बात होने लगी थी। रईस ने बताया कि हुसैन पाकिस्तानी जासूस था। वहीं इस काम के लिए हुसैन ने पैसे देने का वादा किया था। एटीएस की पूछताछ में कबूला की हुसैन ने उससे कुछ महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरे और उनसे जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं भेजने के लिए कहा था। जिसको लेकर रईस ने अपने दोस्त सलमान व अन्य को भी इस काम शामिल करा लिया था।
वहीं इन दोस्तों से रईस की मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार और बाबरी मस्जिद की शहादत को लेकर पहले भी बात होती रहती थी। इन दोस्तो को रईस ने जासूसी और इससे मिलने वाले पैसे के बारे में समझा कर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों यानि जासूसी के लिए उनको तैयार किया था। उनके माध्यम से कुछ सैन्य छावनियों और प्रतिष्ठानों के बारे में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी व तस्वीरे इकट्ठा की थी। रईस ने पाकिस्तानी जासूसों को भेज दिया था। इसके एवज में रईस को 15 हजार रुपए भी मिले थे।
वहीं जानकरी के अनुसार, पाकिस्तानी ISI हैंडलर्स ने रईस को एक बार एक बाग्लादेशी फर्जी मोबाइल नंबर देकर व्हाट्सएप बिजनेस एकाउण्ट बनाने के लिए कहा था। इसके लिए हैडलर्स ने रईस को ओटीपी भी शेयर किया था, उसके जरिये रईस ISI हैंडलर्स से भारत विरोधी और जासूसी की बात करता था। इससे जुड़ी बातचीत उसके मोबाइल में अभी भी पड़ी हुई है।