कांग्रेस विधायक का सोनिया-राहुल को पत्र, जाति के आधार पर मंत्री बनाए जाने की रखी मांग
विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि मेरे दिवंगत पिता राजेंद्र प्रसाद यादव ने तीन मुख्यमंत्रियों, बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद और जगन्नाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में काम किया था।
ऐसा लगता है कि बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी ने कांग्रेस में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को जन्म दे दिया है। विधायक खुद ही मंत्रिपद की दावेदारी करने लगे हैं। खगड़िया सदर से विधायक छत्रपति यादव ने कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखकर मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में उन्हें उनकी जाति के आधार पर जगह दी जाए।
मैं बिहार में पार्टी का अकेला यादव विधायक हूं...
यादव ने कहा, मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है, औपचारिक रूप से उनसे मेरे बारे में विचार करने का अनुरोध किया है क्योंकि कैबिनेट में मेरे शामिल होने से ओबीसी, विशेष रूप से यादवों के बीच एक मजबूत संदेश जाएगा। मैं बिहार में पार्टी का अकेला यादव विधायक हूं। यादव ने कहा कि उन्होंने पत्र में अपनी वंशावली का भी उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा कि मेरे दिवंगत पिता राजेंद्र प्रसाद यादव ने तीन मुख्यमंत्रियों, बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद और जगन्नाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में काम किया था। नए सत्तारूढ़ गठबंधन के सूत्रों के अनुसार, 16 विधायकों वाले वाम दलों ने बाहर से सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। 19 सीटों के साथ कांग्रेस को चार मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने हालांकि कहा कि संख्या और नाम दोनों आलाकमान द्वारा तय किए जाते हैं। हम सोनिया गांधी और राहुल गांधी के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
अभी कैबिनेट में केवल मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव शामिल हैं। दोनों नेताओं ने दो दिन पहले ही पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते तक नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।