मांझी का पलटवार: नीतीश फिर भाजपा के साथ बनाएंगे सरकार, तेजस्वी को बस दिखा रहे लॉलीपॉप
जीतन राम मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार किया है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि बीजेपी से मिलने के क्या प्रमाण हैं नीतीश के पास।
मांझी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आपके मन में सवाल होगा कि 13 जून को बिहार मंत्रिमंडल से संतोष सुमन का इस्तीफा क्यों हुआ। इसका क्या कारण हो सकता है। इस पर संतोष की प्रतिक्रिया आ चुकी है।जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि नीतीश फिर से एनडीए में मिल जाएंगे और वह तेजस्वी को सीएम नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि क्या नीतीश ने बीजेपी के साथ सरकार नहीं बनाई थी।
मांझी ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव को नीतीश बस लॉलीपॉप दिखा रहे हैं। यदि उनके पास मेरे भाजपा से मिलने सबूत हों तो दिखाएं।
सरकार से समर्थन वापस लेगा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, 19 के बाद दिल्ली जाएंगे मांझी
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने कहा है कि 19 जून को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ होने वाली बैठक के बाद महागठबंधन की नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले लिया जाएगा।
राजभवन जाकर इसकी औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। 19 जून की बैठक के बाद जीतन राम मांझी और संतोष सुमन दिल्ली भी जाएंगे, जहां वे भविष्य की राजनीति को लेकर कई दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। संतोष सुमन ने कहा कि पार्टी थर्ड फ्रंट बनाने पर भी विचार करेगी। अभी सारे रास्ते खुले हुए हैं।
नीतीश बोले- BJP को खबर देते थे मांझी
जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे भाजपा से मिले हुए थे। अगर साथ रहते तो विपक्षी दलों की होने जा रही बैठक की बातें भाजपा तक पहुंचा देते।
मांझी के भाजपा के करीब जाने की जानकारी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद मांझी के सामने पार्टी का जदयू में विलय करने या अलग होने की पेशकश की थी। मांझी ने अलग होने का फैसला किया।
बता दें कि हाल ही में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने सीएम नीतीश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही बिहार की सियासत में घमासान मच गया था।
सीएम ने लोकसभा चुनाव को लेकर कही ये बात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान लोकसभा चुनावों को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास बहुमत है और जाहिर तौर पर वह समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है।
उन्हें (भाजपा) लग सकता है कि विपक्षी दलों की एकता आने वाले समय में उन्हें प्रभावित कर सकती है, इसलिए वह समय से पहले चुनाव (लोकसभा) करवा सकते हैं।