पाटलिपुत्र और मगध यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को मार्च से नहीं मिली सैलरी, धरने की दी धमकी, जानिए पूरा मामला
मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व सीनेटर प्रो. वीडी सिंह ने कहा कि शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए मासिक पेंशन ही जीवित रहने का एकमात्र जरिया है। जो लोग लंबे समय से बीमार हैं, उन्हें समय पर मेडिकल सलाह और दवाओं की जरुरत है।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय के शिक्षकों और पेंशनर्स को मार्च 2022 से उनके वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे बहुत कठिनाई हो रही है। हालांकि, विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार पर फंड जारी नहीं करने का आरोप लगाया है। अत्यधिक देरी से परेशान, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (PPUTA) ने 10 जून तक वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं करने पर धरने पर बैठने और पीपीयू मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने की धमकी दी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति (VC) प्रो. आरके सिंह मगध विश्वविद्यालय के प्रभारी भी हैं। PPUTA के अध्यक्ष प्रोफेसर एके सिंह ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार एसोसिएशन ने पीपीयू मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने का फैसला किया है। प्रोफेसर ठाकुर के अनुसार, 'एसोसिएशन ने गुरुवार को राजभवन और सीएम सचिवालय को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की स्थिति के बारे में बताया गया है। अधिकांश रिटायर्ड शिक्षक अपनी मासिक पेंशन पर निर्भर हैं, जिससे वे अपनी दवाओं और महीने का खर्च उठा सकें।
PPU के VC ने वेतन में देरी को लेकर सरकार को घेरा
एसोसिएशन के महासचिव प्रो. हृदय नारायण सिंह ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पहले विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षकों को जनवरी 2022 से वेतन और पेंशन का समय पर भुगतान करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, शिक्षक अभी भी वेतन और पेंशन के लिए परेशान हैं। पीपीयू के वीसी प्रोफेसर आरके सिंह के मुताबिक, देरी राज्य सरकार की ओर से है, जिसने फंड जारी नहीं किया है। यहां तक की कुलपति का वेतन भी सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है।
मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व सीनेटर प्रो. वीडी सिंह ने कहा कि शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए मासिक पेंशन ही जीवित रहने का एकमात्र जरिया है। जो लोग लंबे समय से बीमार हैं, उन्हें समय पर मेडिकल सलाह और दवाओं की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पेंशन से इनकार करना उन शिक्षकों के साथ क्रूरता के समान है जिन्होंने समाज के विकास में योगदान दिया है।