1 दिन स्कूल नहीं खुले फिर भी 10.45 लाख पास:ऑनलाइन पढ़ाया नहीं, टॉपर छोड़िए पास होने वालों पर भी गर्व कर रहा बिहार
पिछले साल 24 मार्च के पहले से ही बंद थी पढ़ाई
बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल 13 लाख 50 हजार 233 परीक्षार्थियों में से 10 लाख 45 हजार 950 छात्रों ने इसबार सफलता हासिल कर ली है। देश के इतिहास में इस बार पहला ऐसा मौका था, जब बिना पढ़े ही बिहार बोर्ड के बच्चों ने इंटर की परीक्षा दी। कोरोना के कारण 24 मार्च को बिहार सहित पूरे देश में पहला लॉकडाउन लगाया गया। बिहार में इससे पहले ही होली के बाद स्कूल बंद हो गए। साल में 114 दिन स्कूलों में छुट्टी रहती हैं, बाकी के 251 दिन इसबार कोरोना की भेंट चढ़ गए। बिहार के सरकारी स्कूलों में सेशन अप्रैल में शुरू होता है। सालभर में 60 दिन सरकारी छुटि्टयां और 54 रविवार को जोड़ कर कुल 114 दिनों की छुटि्टयां रहती हैं। साल के 365 दिन में 114 दिन घटा दीजिए तो एक सेशन में 251 दिन की पढ़ाई होती है। मोटे तौर पर देखें तो सात महीना यानी 210 दिन पढ़ाई हो पाती है, लेकिन इसबार पूरा सेशन ही लैप्स कर गया।
13 फरवरी को परीक्षा खत्म, 26 मार्च को रिजल्ट आया
इंटर परीक्षा में कुल 1350233 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें छात्रों की संख्या 703693, छात्राओं की संख्या 646540 थी। पटना की बात करें तो यहां कुल रजिस्ट्रेशन 80882 था। इनमें 41789 छात्र और 39093 छात्राएं शामिल हुईं। 5 मार्च से 19 मार्च तक मूल्यांकन कराया गया। लगभग 35 हजार परीक्षकों ने मूल्यांकन किया और परीक्षा खत्म होने (13 फरवरी) से 26 मार्च के बीच मात्र 42 दिन में रिजल्ट आया है।
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