बिपरजॉय ने 500 घरों को किया तबाह, 800 पेड़ भी उखड़े, NDRF ने बताई तूफान के बाद की कहानी
बिपरजॉय चक्रवात का लैंडफॉल गुरुवार शाम साढ़े छह बजे गुजरात के जखऊ पोर्ट पर हुआ था। अगले दिन तड़के तक इस तूफान ने जबर्दस्त तबाही मचाई। एनडीआरएफ तूफान के बाद नुकसान का आकलन करने में जुटा है।
बिपरजॉय तूफान का प्रभाव अब कम हो गया है. ऐसे में इससे हुए नुकसान का आकलन भी लगाया जाने लगा है। NDRF की मानें तो चक्रवात के लैंडफॉल के बाद किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। इस तूफान में करीब 500 घरों को नुकसान पहुंचा है। तेज हवाओं के चलते 800 पेड़ भी उखड़ गए हैं। तूफान के चलते 23 लोगों को चोटें आई हैं। एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने तूफान के दौरान हुए नुकसान पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
अतुल करवाल ने कहा कि तूफान के लैंडफॉल से पहले ही दो लोगों की जान चली गई थी। यह काफी दुखद है लेकिन लैंडफॉल के बाद एक भी व्यक्ति की जान इसमें नहीं गई है। “इस दौरान 500 घरों को नुकसान पहुंचा। इनमें से अधिकांश झोंपड़ी थी या फिर बिना कंक्रीट के बने मकान थे। फोन की कनेक्टिविटी भी बनी हुई थी। 23 लोग लैंडफॉल के बाद तूफान के चलते चोटिल हुए। कुल 800 पेड़ भी उखड़ गए हैं।”
अब 70 KM की रफ्तार से चल रही हैं हवाएं
एनडीआरएफ के डायरेक्टर ने आगे बताया, “कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान में भी एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं क्योंकि यहां भीषण बारिश होने के आसार हैं। यह तूफान अब बेहद खतरनाक से केवल खतरनाक की श्रेणी में रह गया है। शाम तक इसमें और गिरावट होगी। हमें बताया गया है कि इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। कच्छ और अन्य आसपास के क्षेत्रों में बेहद तेज हवाएं चल रही हैं। अब यह 70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धीमी हैं। केवल राजकोट में ही तेज बारिश हुई है। सड़क साफ है। हमारी टीमें ग्राउंड पर हैं।”