भाजपा से निष्कासित नेता ने कुर्की से पहले दाखिल की अग्रिम जमानत अर्जी, किसान की 6 करोड़ की जमीन पर किया कब्जा!
कानपुर में किसान अत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशु दिवाकर ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी का निपटारा नहीं जाने तक पुलिस कुर्की की कार्रवाई नहीं कर सकती है। वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि पुलिस सक्रियता दिखाती तो अर्जी दाखिल करने से पहले कुर्की की प्रक्रिया शुरू हो जाती।
यूपी के कानपुर में किसान आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में जमकर राजनीति भी हो रही है। किसान आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी निष्कासित बीजेपी नेता प्रियरंजन आशु दिवाकर के खिलाफ बुधवार को पुलिस कुर्की की कार्रवाई शुरू करने वाली थी। हालांकि इससे पहले ही प्रियरंजन आशु दिवाकर ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी डाल दी। प्रियरंजन दिवाकर ने एक बार फिर अपने आपको कुर्की की कार्रवाई से बचा लिया है। पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित परिवार में नाराजगी व्याप्त है। वहीं, निष्कासित बीजेपी नेता बाल आयोग के सदस्य हैं, उन्हें इस पद से हटाने की भी मांग उठने लगी है।
चकेरी थाना क्षेत्र स्थित अहिरवां गांव में रहने वाले बाबू सिंह यादव पेशे से किसान थे। परिवार में पत्नी बिट्टन बेटी रूबी और काजल के साथ रहते थे। किसान की लगभग 10 बीघा जमीन थी। निष्कासित बीजेपी नेता ने 6 बीघा जमीन का साढ़े 6 करोड़ में किसान से सौदा किया था। किसान का आरोप था कि बीते 18 मार्च को एक होटल में बुलाकर जमीन अपने नाम करा ली थी। इसके बदले में 6.20 करोड़ का चेक दिया था और 7 लाख रुपए नकद दिए थे। इसके बाद चेक में गलती होने की बात कह कर चेक वापस ले लिया। इसके बाद चेक नहीं दिया और उस जमीन पर प्लाटिंग शुरू कर दी। इससे आहत होकर किसान ने सीएम के नाम पत्र लिखकर 9 सितंबर को ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
इनाम की राशि एक लाख
मृतक किसान बाबू सिंह के परिवार ने बीजेपी नेता और बाल आयोग के सदस्य प्रियरंजन आशु दिवाकर, उनके भतीजे जितेंद्र, बबलू यादव, राहुल जैन, मधर पांडेय, शिवम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल जैन और मधुर पांडेय जेल में हैं, बाकी आरोपी फरार चल रहे हैं। बीते मंगलवार को मृतक किसान बाबू सिंह के परिवार ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की थी। पुलिस ने परिवार को अश्वासन दिया था कि इनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दी जाएगी। इसके साथ ही कुर्की की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सुनवाई तक नहीं होगी कुर्की की कार्रवाई
डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर की अग्रिम जमानत अर्जी डालने से पुलिस की तैयारियां धरी की धरी रह गईं। मुख्य आरोपी ने एक बार फिर अपने आपको सुरक्षित कर लिया। इससे पहले भी प्रियरंजन दिवाकर ने अंतरिम जमानत अर्जी दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली थी। अग्रिम जमानत अर्जी का निपटारा नहीं होने तक, पुलिस कुर्की की कार्रवाई नहीं कर सकती है।
बाल आयोग सदस्य के पद से हटाने की मांग
किसान आत्महत्या मामले में प्रियरंजन आशु दिवाकर को बीजेपी ने मंगलवार को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रियरंजन दिवाकर यूपी बाल संरक्षण आयोग के सदस्य भी हैं, उन्हे बाल आयोग सदस्य पद से भी हटाने की मांग उठने लगी है। न्याय संघर्ष समिति के सदस्य अभिमन्यू गुप्ता यूपी बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, देवेंद्र शर्मा का कहना है कि शासन ने ही उन्हे नियुक्त किया था, अब कार्रवाई भी शासन करे।