'या तो हम डर जाएंगे, या मर जाएंगे', 'द केरल स्टोरी' के बैन पर बोले मनु ऋषि चड्ढा
द केरल स्टोरी को लेकर हुए विवाद में बॉलीवुड के स्टार्स से लेकर डायरेक्टर सहित लोगों ने अपना सपोर्ट दिखाया है। फिल्म पर लगे बैन पर अब यू-टर्न एक्टर मनु ऋषि चड्ढा ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इंडस्ट्री के बड़े-बड़े लोगों की चुप्पी पर बोला।
सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी फिल्म 'द केरल स्टोरी' बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा बिजनेस कर रही है। इस फिल्म ने पांच दिनों में ही 50 करोड़ का बिजनेस कर लिया है। हालांकि, ट्रेलर रिलीज के बाद फिल्म को पश्चिम बंगाल में बैन कर दिया गया, तो वहीं तमिलनाडू में मल्टीप्लैक्स के ओनर्स ने इस फिल्म को रिलीज करने से इंकार कर दिया।
'द केरल स्टोरी' को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद इंडस्ट्री के नामी लोग सपोर्ट में उतरें और बैन पर अपनी निराशा व्यक्त की। अब हाल ही में यू-टर्न में नजर आए एक्टर मनु ऋषि चड्ढा ने इंडस्ट्री में बड़े-बड़े सितारों की बैन की चुप्पी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए 'द केरल स्टोरी' पर अपनी बात रखी।
अभिव्यक्ति की आजादी को बैन नहीं करना चाहिए- मनु ऋषि चड्ढा
मीडिया को दिए इंटरव्यू में मनु ऋषि चड्ढा ने द केरल स्टोरी के बैन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ''मुझे लगता है कि कला को और अभिव्यक्ति की आजादी को बैन नहीं करना चाहिए। ये जरूरी नहीं है कि मैं ऐसा नहीं हूं, तो मुझे ये नहीं करना चाहिए। हम एक ऐसा किरदार निभाते हैं, जो हमसे बिल्कुल अलग है।
हर किसी को अहमियत चाहिए, अगर कोई खड़े होकर फिल्म को बैन करने की डिमांड कर रहा है, तो उसे एक या दो मिनट के लिए महत्वता मिलती है, लेकिन क्या हम इन चेहरों को जानते है या फिर ये कोई आर्टिफिशियल यूजर्स है। क्या हम पर फिल्मों को बैन करने का कोई असर होता है? क्या हम इससे फिल्में बनाना बंद कर देंगे"?
बैन की डिमांड करने वालों को महत्वता क्यों देनी है- मनु ऋषि चड्ढा
मनु ऋषि चड्ढा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ''किसी को बैन की कोई परवाह नहीं है और पठान इसका बड़ा उदाहरण है। जब इसकी कोई महत्वता ही नहीं है, तो हम इस पर बात ही क्यों करें। हम उसे इम्पोर्टेंस दे ही क्यों रहे हैं, जो बैन की मांग कर रहा है। कुछ फिल्में सेंसर बोर्ड के हिसाब से बनती हैं और कुछ बगावत के लिए बनती हैं।
हम सबके पास ये आजादी है कि हम अपनी बात कह सके। अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करे, तो हमें लड़ते रहना चाहिए, या तो हम डर जाएंगे, या फिर मर जाएंगे, लेकिन हम बोलते रहेंगे।
हम नहीं तो हमारे बाद जो आएगा वह बोलेगा। हम सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, हमें उनका गुस्सा भी समझ आना चाहिए। वह अपनी स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें ये करने दे, इसमें कोई नई बात नहीं है"।
द केरल स्टोरी के बैन पर दी ये प्रतिक्रिया
मनु ऋषि चड्ढा ने द केरल स्टोरी के बैन पर आगे कहा, "जो आज इस मामले पर चुप हैं, जरूरी नहीं है वह आगे नहीं बोलेंगे। अगर बैन ज्यादा बढ़ेगा, तो इंडस्ट्री बोलेगी और हर कोई बोलेगा"। सुदीप्तो सेन की फिल्म 'द केरल स्टोरी' के बैन पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मनु बोले, "ये सिर्फ एक मानसिकता है, जहां चंद मिनट के फेम के लिए आप बैन करवाने पर अड़ जाते हैं।
अगर कोई शाह रुख खान की फिल्म बैन करने की मांग करता है, तो उसे वह इम्पोर्टेंस मिल सकती है, लेकिन अगर कोई मेरी फिल्म बैन पर बोलेगा, तो उन्हें वह महत्वता नहीं मिलेगी। जो सिनेमा से प्यार करते हैं, वह हमेशा सिनेमा से प्यार करेंगे"।