LAC के बेहद करीब यह निर्माण कार्य करीब दो महीने से चल रहा है, जिसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों के लिए जरिए हुआ है। यह पुल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ेगा, जिससे चीनी सेना को दोनों पक्षों तक त्वरित पहुंच मिल सकेगी।
गलवान घाटी में चीन की करतूतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। नए साल की शुरुआत पर गलवान घाटी में अपना राष्ट्रीय झंडा फहराने वाला ड्रैगन अब लद्दाख की पैंगोंग झील के अपने कब्जे वाले इलाके में एक पुल का निर्माण कर रहा है। एलएसी के बेहद करीब यह निर्माण कार्य करीब दो महीने से चल रहा है, जिसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों के लिए जरिए हुआ है। यह पुल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ेगा, जिससे चीनी सेना दोनों तरफ कम से कम समय में पहुंच सकेगी। भारत ने अगस्त, 2020 में दक्षिणी किनारे पर महत्वपूर्ण कैलाश रेंज पर प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया था, जिससे भारतीय सैनिकों को रणनीतिक लाभ मिला था। हालांकि, पिछले साल फरवरी में दोनों देशों की सेनाएं आपसी चर्चा के बाद पैंगोंग झील के दोनों किनारों से पीछे हट गई थीं।
इस पुल के बनने से चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) को पैंगोंग झील में विवादित क्षेत्रों तक पहुंच बनाने में काफी आसानी हो जाएगी। इससे झील के दोनों छोरों की दूरी 200 किमी से घटकर 40-50 किमी तक रह जाएगी। पैंगोंग झील का एक तिहाई हिस्सा भारत के लद्दाख और शेष भाग तिब्बत में पड़ता है। चीन ने 1 जनवरी को अपना नया सीमा कानून लागू किया है जो अपनी सीमा सुरक्षा, गांवों के विकास और सीमाओं के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को बढ़ावा देता है और ऐसी शर्तें भी रखता है जिसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में आपातकालीन उपाय किए जा सकते हैं।
कानून के लागू होने से ठीक पहले चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदल दिए। हालांकि, यह कानून विशेष रूप से भारत के लिए नहीं है, लेकिन इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं, क्योंकि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद मई 2020 से बढ़ गया है। बता दें कि चीन और भारत 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और इस पर विवाद है। कोर कमांडर स्तर पर 13 दौर की सैन्य वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कई क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने के लिए चीन की कार्रवाई को उकसावे भरी करार दिया है। रक्षा मंत्रालय ने अपनी साल के अंत की समीक्षा में कहा, "वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक से अधिक क्षेत्रों में चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा और उकसाने वाले कार्य किए गए हैं।
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