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Friday, September 27, 2024
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अरब देशों की नाराजगी पड़ेगी महंगी! जानिए भारत के लिए क्यों जरूरी हैं खाड़ी के देश

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बीजेपी नेताओं की कथित टिप्पणी पर हंगामा मचा हुआ है। खाड़ी देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है। अगर तनाव बढ़ता है तो इससे वहां भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह य है कि इन देशों में भारत की एक बड़ी आबादी रहती है। विदेशों से जो भारतीय पैसा स्वदेश भेजते हैं उसमें खाड़ी के पांच देशों की हिस्सा आधे से ज्यादा है। भारत के निर्यात में इनकी तगड़ी हिस्सेदारी है। भारत के तेल आयात में इनका हिस्सा 60 फीसदी है।

अरब देशों की नाराजगी पड़ेगी महंगी! जानिए भारत के लिए क्यों जरूरी हैं खाड़ी के देश

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बीजेपी नेताओं की कथित टिप्पणी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सस्पेंड कर दिया जबकि दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल को पार्टी से निकाल दिया है। आलोचकों का कहना है कि बीजेपी ने खाड़ी देशों के विरोध के बाद अपने ही नेताओं पर एक्शन लिया है। लेकिन इसके बावजूद खाड़ी देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है। सवाल उठता है कि खाड़ी के ये देश भारत के लिए कितनी अहमियत रखते हैं।

यूएई की एक तिहाई से अधिक आबादी भारतीयों की
खाड़ी देशों में कुल 89 लाख भारतीय रहते हैं। यूएई में 34.6 फीसदी आबादी भारतीयों की है। वहां 34,25,144 भारतीय रहते हैं। इसी तरह सऊदी अरब में भारतीयों की आबादी 25,94,947 है जो वहां की कुल आबादी का 7.5 फीसदी है। कुवैत में 10,29,861 भारतीय रहते हैं जो वहां की कुल आबादी का 24.1 फीसदी है। इसी तरह ओमान में भारतीयों की आबादी 7,81,141 है जो देश की कुल जनसंख्या का 15.3 फीसदी है। कतर में भारतीयों की आबादी 7,46,550 है जो वहां की कुल आबादी का 25.9 फीसदी है। बहरीन की कुल आबादी में 19.2 फीसदी भारतीय हैं। वहां 3,26,658 भारतीय रहते हैं। इसी तरह जॉर्डन में 20,760, इराक में 18,007 और लेबनॉन में 8,537 भारतीय रहते हैं। खाड़ी देशों में कुछ सबसे बड़े रिटेल स्टोर और रेस्टोरेंट्स भारतीय चलाते हैं। वहां सोशल मीडिया पर भारतीय सामान और बिजनस के बॉयकॉट की बात हो रही है। इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।

यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर
यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। 2019-2020 में भारत ने यूएई को 28,853.6 मिलियन डॉलर का निर्यात किया था जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का 9.2 फीसदी है। इसी तरह सऊदी अरब को होने वाला निर्यात देश के कुल एक्सपोर्ट का दो फीसदी है। भारत ने 2019-20 में ओमान को 2,261.8 मिलियन डॉलर, इराक को 1,878.2 मिलियन डॉलर, कुवैत को 1,286.6 मिलियन डॉलर, कतर को 1,268.4 मिलियन डॉलर, जॉर्डन को 960.7 मिलियन डॉलर, बहरीन को 559.1 मिलियन डॉलर और लेबनॉन को 204 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था।

खाड़ी देशों से आता है 60 फीसदी कच्चा तेल
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। इसमें खाड़ी देशों की सबसे अहम भूमिका है। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने मार्च में संसद में बताया था कि भारत को रोजाना 50 लाख बैरल तेल की जरूरत है और इसमें से 60 फीसदी खाड़ी देशों से आता है। 2019 में भारत के कच्चे तेल के आयात में इराक की हिस्सेदारी 22 फीसदी थी। सऊदी अरब की हिस्सेदारी 19 फीसदी, यूएई की नौ फीसदी, नाइजीरिया को आठ फीसदी, वेनेजुएला की सात फीसदी, कुवैत की पांच फीसदी, अमेरिका की चार फीसदी, मेक्सिको की चार फीसदी और ईरान की दो फीसदी हिस्सेदारी थी।

भारतीय हर साल 80 अरब डॉलर भेजते हैं
दुनियाभर से भारतीय हर साल देश में 80 अरब डॉलर सालाना पैसा भेजते हैं। 2018 में इसमें से आधा पैसा खाड़ी के महज 5 देशों से आता है। केरल में सबसे ज्यादा भारतीय भेजते हैं पैसा। हाल के वर्षों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ी है।

खाड़ी से भारत में आता है खूब पैसा
विदेशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले पैसों (remittance) में करीब आधे पांच खाड़ी देशों से आते हैं। इसमें यूएई की हिस्सेदारी 26.9 फीसदी है। इसी तरह सऊदी अरब की हिस्सेदारी 11.6 फीसदी, कतर की 6.5 फीसदी, कुवैत की 5.5 फीसदी और ओमान की तीन फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशों में रहने वाले भारतीय हर साल 80 अरब डॉलर स्वदेश भेजते हैं जो दुनिया में सबसे अधिक है। 2018 में इसमें आधे से अधिक हिस्सेदारी पांच खाड़ी देशों की थी। सबसे ज्यादा रेमिटेंस पाने वाले राज्यों में केरल सबसे ऊपर है। लेकिन हाल के वर्षों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ी है।

12 मुस्लिम देश भारत से नाराज
बीजेपी नेता का पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी से खाड़ी और मुस्लिम देश नाराज हैं। यूएई, कतर, कुवैत, जॉर्डन, ओमान, सऊदी अरब, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, बहरीन, इंडोनेशिया और मालदीव ने बीजेपी नेताओं के बयान का विरोध किया है और कार्रवाई की मांग की है।

खाड़ी देशों को भी है भारत की जरूरत
अगर भारत को खाड़ी देशों की जरूरत है तो उनके लिए भी भारत जरूरी है। अमेरिका के बाद यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है और तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। 2021-22 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 72.9 अरब डॉलर का था। इसमें भारतीय एक्सपोर्ट का हिस्सा 28.4 अरब डॉलर था। 2026 तक दोनों देशों के बीच कुल ट्रेड 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। दोनों देशों ने हाल में कम्प्रहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर साइन किए हैं। खाड़ी देश फूड और अनाज के आयात पर भारत पर निर्भर है। उनका 85 फीसदी फूड और 93 फीसदी अनाज भारत से आता है। भारत इन देशों को भारी मात्रा में चावल, मीट, मसाले, मरीन प्रॉडक्ट्स, फल, सब्जियां और शुगर का निर्यात करता है। खाड़ी देशों के एविएशन सेक्टर के लिए भारतीय यात्री काफी अहम हैं।

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