प्रोफेसर ने बनाई अनोखी डिवाइस: घर में घुसने से पहले बता देगी व्यक्ति की मंशा, पकड़ लेगी अपराधियों का झूठ
साइनोटिक मेमोरी डिवाइस यदि आपके दरवाजे पर लगी होगी तो आप किसी अनहोनी से पहले ही अलर्ट हो सकते हैं। यदि कोई भी गलत मंशा से प्रवेश करेगा तो पता चल जाएगा। यही नहीं यह डिवाइस अपराधियों का झूठ पकड़ लेगी।
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विवि (सीसीएसयू) में फिजिक्स के प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने एक ऐसी डिवाइस (उपकरण) बनाई है जो अपराधियों का झूठ पकड़ लेगी। यह ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ दरवाजे पर लगी है तो कोई भी गलत मंशा से प्रवेश करेगा तो पता चल जाएगा। उनका दावा है कि इसकी मदद से पुलिस चंद सेकंड में सच पता कर लेगी। इसे विश्वविख्यात एल्सेवियर के मटेरियल्स टुडे जर्नल ने प्रकाशित किया है, जो अनुसंधान पर ठोस लेख प्रकाशित करता है।
प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि वह दुर्घटना अथवा उम्र की वजह से याददाश्त खोने वाले, लकवे की वजह से अंगों के काम नहीं करने वाले रोगियों के लिए डिवाइस पर रिसर्च कर रहे हैं।
मनुष्य के मस्तिष्क की प्रणाली सर्वाधिक जटिल है क्योंकि इसमें 100 अरब न्यूरॉन काम करते हैं। न्यूरॉन के माध्यम से कुछ ही पल में संदेश सिनैप्स (तंत्रिका तंत्र में एक संरचना) में पहुंचता हैं, जहां से इंसान आभास होने पर क्रिया-प्रतिक्रिया करता है। दुर्घटना, उम्र की वजह से याददाश्त खोने अथवा लकवाग्रस्त रोगियों का सिनैप्स तक न्यूरॉन संदेश नहीं पहुंचता है, इसलिए सिनैप्स की जगह ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ लगाने का शोध चल रहा है।
प्रोफेसर का दावा है कि सिनैप्स की जगह लगने वाली डिवाइस पर अमेरिका, जापान समेत कई देश के वैज्ञानिक जुटे हैं, वहीं उन्होंने भी शोध शुरू किया था। शोध में सिनैप्स की जगह लगने वाली ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ बना ली गई है। यह डिवाइस जैसे ही किसी इंसान के शरीर में लगाई जाती है, वैसे ही उसके अंदर होने वाले केमिकल बदलाव का संदेश मिलने लगता है।
डिवाइस लगाने के बाद मन-मस्तिष्क में आने वाले सकारात्मक-नकारात्मक, झूठ-सच, गुस्सा-प्यार, सोच-विचार और चिंतन आदि के संदेश मिलते हैं। यही नहीं, यदि कोई डिवाइस अपने घर के दरवाजे पर लगता है, तो उसमें गलत मंसूबे पालने वाला व्यक्ति प्रवेश करेगा तो पता चल जाएगा।
प्रो. संजीव ने बताया कि यह शोध विश्व के वैज्ञानिकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है। उन्होंने दावा किया है कि मटेरियल्स टुडे जर्नल में 24.2 इंपैक्ट फैक्टर मिले हैं, जो सीसीएसयू में किसी को नहीं मिले हैं।
नहीं पड़ेगी नार्कों और पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत
प्रो. संजीव ने बताया कि ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ नामक उपकरण जैसे ही किसी इंसान के संपर्क में आती है, वैसे ही उसके अंदर होने वाले केमिकल चेंज को पढ़ना शुरू कर देती है। यह भी संकेत देती है कि उसके मन में किस तरह का विचार आ रहा है। इससे अब पुलिस को किसी भी अपराधी से सच जानने के लिए थर्ड डिग्री, नार्कों व पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को देगी बढ़ावा
प्रो. संजीव ने बताया ‘साइनोटिक मेमोरी डिवाइस’ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में बेहतरीन काम करेगी। फिलहाल इसको इंटरनेट से जोड़कर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर भी काम किया जा रहा है।