बिजली संकट के बीच कोयले की आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 657 ट्रेनों की गई रद्द
देश में कोयले की कमी और बढ़ते बिजली संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने कोयले की आपूर्ति समय से सुनिश्चित करने के लिए कई यात्री ट्रेनों के संचालन को रद्द करने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने कोयला वैगनों के लिए प्राथमिकता वाले मार्गों और उनके तेजी से आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए 657 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। इन ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियां शामिल हैं। कुल 533 कोयला रेक ड्यूटी पर लगाए गए हैं। बिजली क्षेत्र के लिए 437 रेक कल लोड की गई थीं और इस क्षेत्र के लिए 16.20 लाख टन कोयला लोड किया गया है।
देश भर में थर्मल पावर स्टेशनों तक कोयले की तुरंत पहुंच बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पैसेंजर ट्रेनों का रद्द करने का निर्णय लिया है। इसमें पैसेंजर ट्रेनों के रद्द होने से कोयले से भरे रैक वाली मालगाड़ियों को जल्द रास्ता मिलेगा और वे थर्मल पावर स्टेशनों तक की दूरी कम समय में पूरी कर सकेंगी। कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में बिजली का चले जाना, लोगों की परेशानी का कारण बन रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
147 थर्मल प्लांट के पास 24 फीसदी कोयला
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 27 अप्रैल को देश के 147 ताप-विद्युत संयंत्रों के पास सामान्य से 24 फीसदी कम कोयले का स्टॉक ही मौजूद है। सीईए की रिपोर्ट कहती है कि इन संयंत्रों के पास 57,033 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए लेकिन उनके पास सिर्फ 13,912 हजार टन ही कोयला मौजूद है। इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 163 गीगावॉट है।
देश के अधिकतर इलाकों में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। गुरुवार को तो बिजली की मांग 204.65 गीगावॉट के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थी।
बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस ने साधा केंद्र पर निशाना
कांग्रेस पार्टी ने देश के कई राज्यों में बिजली की कटौती को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘मौन’ रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग और बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए उसकी क्या योजना है। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र कोयले की कमी के लिए भी राज्यों पर जिम्मेदारी डाल रहा है।