बाराबंकी: मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में सुनवाई आज:माफिया पर दोनों केस पर तय हो चुके हैं आरोप
एम्बुलेंस प्रकरण और गैंगेस्टर एक्ट में बाराबंकी की एसीजेएम कोर्ट में आज 30 जून को गैंगस्टर और 4 जुलाई को एंबुलेंस मामले में ट्रायल की सुनवाई होनी है।
एम्बुलेंस प्रकरण और गैंगेस्टर एक्ट में बाराबंकी की एसीजेएम 19 और MP/MLA कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी और उसके 12 गुर्गों पर आरोप तय कर दिए हैं। दोनों मामलों में बीती 22 जून को हुई पेशी में आरोप तय किए गए। आरोप तय होने के बाद अब ट्रायल शुरू हो चुका है। आज 30 जून को गैंगस्टर और 4 जुलाई को एंबुलेंस मामले में ट्रायल की सुनवाई होनी है।
बता दें कि एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में आरोपों तय होने के बाद मुख्तार अंसारी सहित आठ आरोपियों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसको लेकर कोर्ट ने कहा था कि यह मामला सुनवाई के लायक नहीं है। मुख्तार अंसारी समेत आठों आरोपियों द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आज गैंगस्टर और 4 जुलाई को एंबुलेंस मामले में ट्रायल की सुनवाई होनी है, जिसमें अब गवाही शुरू होगी।
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी व 12 अन्य अभियुक्तों पर जिले की दो अलग-अलग अदालतों ने आरोप निर्धारित कर दिए हैं। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विपिन कुमार यादव ने मुख्तार अंसारी, डॉ. अल्का राय सहित 13 आरोपियों के विरुद्ध एंबुलेंस प्रकरण में धोखाधड़ी, कूट रचना व क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा सात के तहत आरोप तय किए।
रिवीजन याचिका खारिज होने पर क्या बोले वकील
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश पांडेय और आशीष शरण गुप्ता ने बताया कि अपर सीजेएम कोर्ट 19 विपिन यादव ने बीते 28 फरवरी 2023 को इसी को लेकर मुख्तार अंसारी समेत बाकी आरोपियों की अर्जी खारिज कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ मुख्तार अंसारी समेत बाकी आरोपियों ने रिवीजन याचिका सेशन कोर्ट में दायर की थी। जिसे प्रारंभिक सुनवाई के बाद ही अपर जिला जज अनिल शुक्ला ने खारिज कर दी।
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सुमन ने बताया कि एंबुलेंस मामले की धारा 420, 419, 467, 471 में 8 लोगों ने जिला जज की अदालत में रिवीजन याचिका दाखिला किया गया था। जिसकी सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला की कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका निरस्त कर दी। वकील ने बताया कि जज की आपत्तियां ट्रायल का विषय है, अब मुकदमे में धारा 482 के तहत हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।