गोरखपुर: जनता दरबार में सीएम योगी ने सुनी लोगों की समस्या, दो मिनट मौन रख सीडीएस जनरल रावत को दि श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में जनता दरबार के दौरान सैकड़ों लोगों से मिले।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में जनता दरबार के दौरान सैकड़ों लोगों से मिले। इस दौरान उन्होंने दूर-दराज से आए लोगों की समस्याएं सुनी और प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
जनता दरबार में भोर से ही लोगों की भीड़ लगी रही। इस दौरान भूमि विवाद और पुलिस से जुड़े मामले अधिक आए। किसी ने समय से कार्रवाई नहीं होने को लेकर गुहार लगाई तो किसी ने पुलिस पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर सीएम ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया।
गुरुवार को जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार की सुबह गोरखनाथ के दर्शन पूजन के बाद गोशाला गए। गायों को गुड़ व बिस्किट खिलाया। वहां से निकले तो हिंदू सेवाश्रम पहुंचे, जहां जनता दरबार लगा था। दूर दराज से अपनी समस्याओं के साथ आए लोग कुर्सियों पर बैठे उनका इंतजार कर रहे थे। सीएम ने एक-एक से मुलाकात कर सैकड़ों फरियादियों की समस्याएं सुनीं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत अन्य सैनिकों के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन पर गोरखपुर में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गोरखपुर आए मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो मिनट का मौन रखा।
इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और परिषद के संरक्षक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम में पहुंचे। यहां मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सप्ताह भर तक चलने वाली विविध प्रतियोगिताओं के 700 विजेताओं को अपने हाथों से पुरस्कृत किया।
संस्थापक सप्ताह समापन अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, 'महाप्रलय के समय में शिव जी गोरखनाथ के रूप में इस धरती पर पधारे, बाद में साहित्यकारों ने उसे सृष्टि की रचना के साथ जोड़कर स्मरण भी किया होगा। उसी हिमालय और महासमुद्र का संगम स्थान का है गोरखपुर। आज आप सभी इस पीढ़ी के विद्यार्थी जो इस विद्या नगरी में प्रवास करते हैं भाग्यशाली हैं।'