उत्तर-प्रदेश: आजम खां के सहारे मुस्लिमों को साधने की कोशिश में लगी कांग्रेस को झटका
सीतापुर जेल में बंद आजम खां से मिलने के सहारे कांग्रेस मुस्लिमों को साधने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में खोया जनाधार पाने में जुटी है। हालांकि आजम खां से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात करने से इनकार कर दिया। इससे कांग्रेस को झटका लगा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर सपा से चल रही जुबानी जंग के बीच कांग्रेस ने अब यूपी में सियासी गुणा भाग तेज कर दिया है। पार्टी आजम खां के सहारे मुस्लिमों को साधने की कोशिश में है। ताकि लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में खो हुई सियासी जमीन फिर हासिल कर सके।
सीतापुर जेल में बंद आजम खां से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात करने से इनकार कर दिया। इससे कांग्रेस को झटका लगा है। मुरादाबाद मंडल सपा का गढ़ है। यहां मोदी लहर में भी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने मंडल की सभी छह सीटों पर जीत दर्ज की थी।
सपा को रामपुर, मुरादाबाद और संभल लोकसभा सीट पर जीत मिली थी। वहीं अमरोहा, बिजनौर और नगीना लोकसभा सीट बसपा की झोली में गई थी। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने मंडल की 27 में 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही नहीं अपने कोर वोट बैंक मुस्लिमों की बदौलत पार्टी आसपास के जिलों में मजबूत स्थिति में रही थी।
पश्चिमी यूपी में मुस्लिमों की बात करें तो आजम खां सबसे बड़ा चेहरा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से आजम खां की सियासत कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गई है। इस मामले में सपा नेतृत्व के आक्रमक न होने से वह सपा में भी अलग-थलग माने जाने लगे हैं।
जिसे लेकर मुस्लिम मतदाताओं में अंदर खाने नाराजगी है। वहीं अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम को फिर से जेल हो गई है। ऐसे में कांग्रेस आजम खां के प्रति सहानुभूति की सियासत कर मुस्लिमों में दोबारा से अपनी पैठ बनाना चाहती है। इससे पहले भी आजम खां को लेकर कांग्रेसी नेता उनके खिलाफ ज्यादती की बात करते रहे हैं।
जयाप्रदा से पहले रामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का था दबदबा
रामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को भले ही पिछले पांच चुनावों में जीत नहीं मिली हो, लेकिन इस सीट पर जयाप्रदा से पहले कांग्रेस की बेगम नूरबानो का दबदबा था। वह 1996 और 1999 में रामपुर से सांसद चुनीं गई थीं। यहां कांग्रेस सपा के वोट बैंक में सेंध लगाकर खुद को मजबूत स्थिति में पहुंचा सकती है।
अजहर के जरिए कांग्रेस ने मुरादाबाद में पाया था खोया जनाधार
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सपा का दबदबा रहा है, लेकिन वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने क्रिकेेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को मैदान में उतारकर विरोधियों को चित कर दिया था। अजहर के जरिये कांग्रेस ने मुरादाबाद में फिर अपनी सियासी जमीन तैयार कर ली थी।
यही वजह है कि निकाय चुनाव में मेयर पद पर कांग्रेस लगातार दो चुनावों में दूसरे स्थान पर रही। जबकि सपा तीसरे स्थान पर रही। चर्चा यह भी है कि मुरादाबाद से कांग्रेस दोबारा अजहर या उन जैसे किसी मजबूत मुस्लिम चेहरे पर दांव लगा सकती है।
तजीन फात्मा से मिलने पहुंचे थे इमरान प्रतापगढ़ी
लॉकडाउन के दौरान सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम सीतापुर जेल में बंद थे। आजम खां 27 महीने जेल में रहे थे। तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम जेल से पहले छूट गए थे। उस वक्त सपा के शीर्ष नेता पहले कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी तजीन फात्मा से मिलने उनके घर गए थे।
हालांकि उन्होंने इस मुलाकात को व्यक्तिगत बताया था। लेकिन इसके बाद सपा में खलबली मच गई थी। कांग्रेस ने आजम खां को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। यही नहीं हाल ही में फिर जेल भेजे गए आजम खां को लेकर बरेली से दिल्ली जाते समय रामपुर में रुके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने फिर आजम को लेकर पार्टी का लगाव प्रदर्शित किया था।