लाखों वोटों से हार के बाद भी मेहरबान कांग्रेस, अब महाराष्ट्र राज्यसभा में दांव... जानें कौन हैं इमरान प्रतापगढ़ी
इन दिनों राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। कई सीटों पर हो रहे इस चुनाव में सभी दलों ने नए समीकरण साधे हैं और कुछ नए नामों पर दांव लगाया है।
गूंगी बहरी दिल्ली.. शायरी की चर्चा
'सुना था कि बेहद सुनहरी है दिल्ली, समंदर सी खामोश गहरी है दिल्ली, मगर एक मां की सदा सुन ना पाए, तो लगता है गूंगी है बहरी है दिल्ली।' महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी की पहचान कुछ इसी तरह की नज्मों से है।
कम समय में हासिल किया मुकाम
सत्ता को चुनौती देती इमरान प्रतापगढ़ की नज्मों ने न केवल युवाओं के दिलों में खास जगह बनाई, बल्कि सियासत में भी उन्हें वह मुकाम दिलाया, जहां तक पहुंचने में लोगों को बहुत लंबा वक्त लग जाता है।
कम्युनल शायरी के लगते रहे हैं आरोप
इमरान की शायरी पर कम्युनल होने के भी आरोप लगते रहे हैं। हालांकि वह कहते हैं, लबों-रुखसार की शायरी तो मैंने कभी नहीं की। मैं शायरी के माध्यम से हमेशा मजलूमों की आवाज उठाता रहा हूं।
ऐसे शायर बने इमरान प्रतापगढ़ी
यूपी के प्रतापगढ़ में जन्मे इमरान के परिवार में न तो कोई शायर था और न ही उनका सियासत से कोई वास्ता रहा। लेकिन इमरान ने पहले शायरी का शौक पाला और फिर वह सियासत की राह पर भी बढ़े। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में मास्टर्स के दौरान ही इमरान ने मुशायरों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।
2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में हुए शामिल
मदरसा सरीखी नज्मों ने उन्हें मंच पर पहचान दी। मंच की शोहरत उन्हें राजनीति तक ले आई। 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और मुरादाबाद से चुनाव लड़ा। यह चुनाव वह तकरीबन साढ़े पांच लाख वोटों से हार गए। यूं तो अमूमन इतनी बड़ी हार के बाद किसी के भी सियासी सफर पर कुछ ब्रेक लग जाता है, लेकिन इमरान इससे अछूते रहे।
2021 में कांग्रेस ने बनाया अल्पसंख्यक विंग का अध्यक्ष
सियासत को अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए थे कि 2021 में उन्हें कांग्रेस के अल्पसंख्यक विंग का अध्यक्ष बना दिया गया। इमरान कहते हैं, 'मैं मंचों से लोगों के हक की आवाज उठाता था, लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए आपको सिस्टम बदलना पड़ता है। इसी इरादे से मैं सियासत में आया।'
प्रियंका गांधी तक सीधे पहुंच
इमरान ने इस दौरान शीर्ष नेतृत्व तक अपनी मजबूत पहुंच बना ली। उन्हें उन कुछेक लोगों में गिना जाता है, जिनकी सीधी पहुंच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तक है। संभवत: इसी का नतीजा रहा कि जब राज्यसभा की उम्मीदवारी तय होने लगी तो उसमें एक नाम इमरान प्रतापगढ़ी का भी था, जो बहुतों के लिए चौंकाने वाला भी साबित हुआ।
शायरी चुराने के आरोप भी
इमरान प्रतापगढ़ी पर शायरी चुराने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं इमरान प्रतापगढ़ी को यश भारती भी मिल चुका है। वह यश भारती पानी वाले सबसे कम उम्र के युवा भी हैं।