क्रेडिट-डेबिट कार्ड की डिटेल चोरी:सरकार ने माना 13 लाख भारतीयों का डेटा डार्क वेब पर मौजूद, साइबर क्राइम से बचाने टूल भी जारी किए
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने माना है कि 1.3 मिलियन (करीब 13 लाख) भारतीयों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डेटा डार्क नेट पर मौजूद है। ये डेटा अक्टूबर 2019 से ही डार्क नेट फोरम पर मौजूद है। MeitY ने कहा कि इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने बैंकों को अलर्ट भी किया है।
सरकार की तरफ से सदन में इस बात को स्वीकर किया गया। इसके अलावा, सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए उपाय भी किए हैं।
CERT-In फिशिंग वेबसाइट को ट्रैक कर रहा
CERT-In, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि फिशिंग वेबसाइटों को ट्रैक करके उन्हें रोका जा सके। CERT-In नियमित आधार पर नए साइबर थ्रेट्स और काउंटरमेशर्स के बारे में अलर्ट और ग्राहकों को सलाह दे रहा है।
क्या होता है डार्क वेब? इनके पास कैसे पहुंच जाता है लोगों का डेटा?
इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट हैं जो ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजन और सामान्य ब्राउजिंग के दायरे में नहीं आती। इन्हें डार्क नेट या डीप नेट कहा जाता है। इस तरह की वेबसाइट्स तक स्पेसिफिक ऑथराइजेशन प्रॉसेस, सॉफ्टवेयर और कॉन्फिगरेशन के मदद से पहुंचा जा सकता है।
इंटरनेट एक्सेस के तीन पार्ट
सर्वर से डेटा लीक होने के मुख्य कारण
यूजर की डेटा स्टोर करने में लापरवाही हैकर्स की कामयाबी बन जाती है। हैकर्स कंपनियों के सर्वर पर अटैक कर डेटा चुराते हैं। वे खास कॉन्टैक्ट के जरिए संवेदनशील जानकारी चुराने में कामयाब होते हैं। इसके लिए वे अलग-अलग तरीके से साइबर अटैक करते हैं। आपके डेटा को वे डार्क नेट पर डालकर मोटी रकम कामते हैं।
सरकार ने साइबर अटैक से बचने 7 टूल भी जारी किए
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) आपके डिजिटल डिवाइस को सिक्योर करने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए 'साइबर स्वच्छता केंद्र' नाम की वेबसाइट भी बनाई गई है। यहां पर स्मार्टफोन, कम्प्यूटर या दूसरे डिवाइस को साइबर अटैक से बचाने के लिए 7 टूल्स के बारे में बताया गया है। इन सभी टूल्स को इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) क्विक हील, ईस्कैन के साथ ऑपरेट करती है।
पर्सनल डेटा लीक होने से बचाने इन बातों के भी रखें ध्यान
1. गैरजरूरी परमिशन एक्सेस डिसेबल करें
2. सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारी न दें
3. जिन्हें एक्सेस नहीं देना, उन्हें डिसेबल करें
4. बैंक कम्यूनिकेशन वाली ID फोन से कनेक्ट न करें
5. सोशल मीडिया के लिए अलग ई-मेल ID रखना बेहतर
6. सायबर कैफे में आधार, पैन डाउनलोड कर, पूरी तरह डिलीट करें
7. कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले रेटिंग देखें
8. फोन बेचने से पहले सभी ऐप पर जाकर लॉग आउट करें
9. फोन की सेटिंग में जाकर फैक्ट्री रीसेट करें, सारा डाटा डिलीट हो जाएगा
10. स्मार्टफोन बेचने से पहले ऐप पर सेव पासवर्ड हटाएं
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