भारत बनेगा चैंपियन या टूट जाएगा सपना, ये 5 फैक्टर होंगे WTC फाइनल में X फैक्टर
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया और फिर अपने देश में हराया। अब चुनौती इंग्लैंड में है। भारत के लिए न केवल परिस्थिति अलग है, बल्कि कई और भी वजहें हैं, जो उसके WTC चैंपियन बनने की राह में रोड़ा बनेंगी, लेकिन रोहित शर्मा की टीम को चौकन्ना रहना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत का दबदबा रहा। स्पिन जोड़ी रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने धांसू प्रदर्शन करते हुए 47 विकेट झटके थे। ओवल में बुधवार से शुरू होने वाला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हालांकि एक अलग गेंद ड्यूक से होगी। ओवल के तेज तर्रार पिच पर बहुत कुछ बदल जाएगी। आइए समझते हैं कि कौन-से वो 5 फैक्टर हैं, जो टीम इंडिया को चैंपियन बना सकते हैं और सटीक नहीं बैठे तो सपना तोड़ भी सकते हैं...
भारत के सलामी बल्लेबाज कैसे नई बला का मुकाबला करते हैं
रोहित शर्मा और केएल की अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप के कारण इंग्लैंड में 2021-22 टेस्ट सीरीज के पहले चार टेस्ट में भारत का दबदबा रहा। दोनों सलामी बल्लेबाजों केएल राहुल और रोहित शर्मा ने शतक बनाए। रोहित ने पहले चार टेस्ट में 52.57 की औसत से एक शतक और दो अर्धशतकों की मदद से 368 रन बनाए। राहुल भी पीछे नहीं रहे और 39.37 पर 315 रन बनाकर आउट हुए। राहुल के चोटिल होने के कारण शुभमन गिल इस बार रोहित के साथ डब्ल्यूटीसी फाइनल में ओपनिंग करने के लिए तैयार हैं। गिल शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और स्कॉट बोलैंड की ऑस्ट्रेलियाई पेस बैटरी को तेज गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थितियों में खेलना पूरी तरह से अलग गेंद का खेल होगा। पूरी संभावना है कि यह नई पिच होगी और सतह सूखी होगी। ऐसी परिस्थितियों में गिल और रोहित दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम नई गेंद से विकेटों की झड़ी न लगा दें।
अश्विन बनाम ऑस्ट्रेलियाई लेफ्ट हैंडर्स बैटर
अश्विन के नाम टेस्ट में सबसे ज्यादा बाएं हाथ से बल्लेबाजों को आउट करने का रिकॉर्ड है। 92 टेस्ट में, अश्विन ने 474 विकेट लिए हैं, जिनमें से 241 बाएं हाथ के बल्लेबाज (50.84% सफलता दर) हैं। जेम्स एंडरसन सबसे अधिक बाएं हाथ के शिकार (212 विकेट, 30.95% बाएं हाथ के शिकार) के साथ सूची में दूसरे स्थान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के पास अपने सबसे संभावित प्लेइंग इलेवन में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं- डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, ट्रैविस हेड, एलेक्स केरी और मिशेल स्टार्क। अश्विन इसलिए अधिक घातक होंगे। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अश्विन के 25 में से 15 विकेट बाएं हाथ के थे। यह टेस्ट ओवल में है तो सवाल यह है कि क्या भारत अश्विन फैक्टर को नजरअंदाज कर सकता है?
क्रिकेट के मूल ब्रांड से चिपके रहना होगा
'बाजबॉल' के साथ इंग्लैंड ने टेस्ट को एक अलग नजरिया दिया है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी आक्रामक तरीके से खेलते हैं। गैर-उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज आसानी से 4 या 5 की रन-रेट बनाए रख सकते हैं। भारत के लिए अपने नेचुरल क्रिकेट को खेलते हुए इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलियाई को मात देने की कोशिश करनी होगी, बाजबॉल का रास्ता मुश्किल हो सकता है। कसी हुई गेंदबाजी अहम होगी। यहां एक और अहम बात यह है कि बल्लेबाज को बड़े स्कोर करने होंगे, क्योंकि 20-25 रन कहीं से भी चैंपियन बनाने के लिए सहायक नहीं होंगे।
तेज गेंदबाज कैसे ड्यूक बॉल का उपयोग करते हैं
WTC फाइनल इंग्लैंड में निर्मित ग्रेड-1 ड्यूक बॉल का उपयोग किया जाएगा। ड्यूक बॉल कूकाबुरा (मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में उपयोग की जाती है) या एसजी (भारत) से अलग होती है। ड्यूक अधिक समय तक टिकी रहती है और उसकी सीम स्विंग के लिए मददगार होती है। मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज को ड्यूक्स के साथ गेंदबाजी करने की आदत डालनी होगी। इंग्लैंड में शमी का रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं है। उन्होंने 13 टेस्ट में 40. 52 (स्ट्राइक-रेट 69. 3) में 38 विकेट लिए हैं। सिराज कुछ बेहतर हैं, जिन्होंने पांच टेस्ट (औसत 33) में 18 विकेट लिए हैं। बैकअप पेसर शार्दुल ठाकुर, उमेश यादव और जयदेव उनादकत, जो भी प्लेइंग-11 में चुने जाएंगे, उन्हें जिम्मेदारियों को साझा करना होगा। दूसरी ओर, मिचेल स्टार्क और कप्तान पैट कमिंस की ऑस्ट्रेलियाई पेस ब्रिगेड का इंग्लैंड में बेहतर रिकॉर्ड है- स्टार्क के 9 टेस्ट में 33 विकेट हैं। कमिंस इन परिस्थितियों का आनंद लेते दिख रहे हैं, उनके पास पांच टेस्ट मैचों में 29 विकेट (औसत 19. 62) हैं। जाहिर तौर पर भारतीय तेज गेंदबाजों को अतिरिक्त प्रयास करना होगा।
कैच बनेंगे X फैक्टर
2021 डब्ल्यूटीसी फाइनल में जब भारत न्यूजीलैंड से हार गया, तो अन्य बातों के अलावा कैचिंग भी टीम इंडिया का प्रदर्शन खराब होना रहा। भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाने के बाद शमी की अगुवाई में गेंदबाजों ने कीवी टीम को 162/6 पर ढेर कर दिया था। लगा टीम इंडिया यहां से कमाल करेगी, लेकिन फिर कैच छोड़े गए और न्यूजीलैंड ने 249 रन बनाकर भारत की पहली पारी को पीछे छोड़ दिया। यहां अगर कुछ वैसा हुआ तो भारत के लिए मुश्किल होगी।