स्लिम क्रिकेटर चाहिए तो फैशन शो में जाओ... सरफराज खान के सपोर्ट में सुनील गावस्कर चयनकर्ताओं पर भड़के
महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है। प्रचंड फॉर्म में चल रहे सरफराज खान के सपोर्ट में उन्होंने चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा पर निशाना साधा है।
सरफराज खान को भारतीय टेस्ट टीम में आने के लिए अब और क्या करना होगा? डोमेस्टिक क्रिकेट की नई रनमशीन बन चुके सरफराज लगातार रन बना रहे हैं। शतकों का अंबार लगा रहे हैं, लेकिन चयनकर्ता ध्यान ही नहीं देते। किसी प्लेयर के साथ इससे बड़ा अन्याय नहीं हो सकता कि वो प्लेयर अपने करियर के टॉप फॉर्म से गुजर रहा हो और फिर भी उसे मौके नहीं मिले। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में होने वाली चार टेस्ट मैच की सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों के लिए चुनी गई टीम में जब उन्हें जगह नहीं मिली तो उनके सपोर्ट में सुनील गावस्कर भड़क उठे। महानम भारतीय बल्लेबाज गावस्कर ने चयनकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है।
सुनील गावस्कर की माने तो सरफराज खान को सिलेक्ट न करने के पीछे अगर वजन या फिटनेस कोई रोड़ा है तो इसे सिर्फ बहानेबाजी ही समझी जाए। भारत के लिए 34 टेस्ट शतक बनाने वाले गावस्कर ने इंडिया टुडे से कहा, 'यदि आप केवल दुबले-पतले लोगों की तलाश कर रहे हैं तो एक फैशन शो में जा सकते हैं और वहां कुछ मॉडल्स के हाथों में बल्ला और गेंद देकर सीखा सकते हैं। क्रिकेट इस तरह नहीं चलता। आपके पास सभी शेप और साइज के क्रिकेटर हैं। उसकी शारीरिक बनावट पर मत जाइए। रन देखिए, रिकॉर्ड्स देखिए। जब वह शतक बनाता है तो वह मैदान से बाहर नहीं रहता है। अगर कोई फिट हैं तभी ऐसा प्रदर्शन कर पा रहा है।'
गावस्कर की टिप्पणी सरफराज के रणजी ट्रॉफी 2023 एडिशन में अपना तीसरा शतक लगाने के कुछ दिन बाद आई है। प्रीमियर बल्लेबाज ने अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली के खिलाफ अपनी पहली पारी में अजिंक्य रहाणे की अगुवाई वाली मुंबई को 293 रन पर रोक दिया। महान क्रिकेटर गावस्कर ने भी कहा कि यो-यो टेस्ट कभी भी चयन का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता।
गावस्कर ने कहा, 'आप रन कैसे बना सकते हैं? मुझे लगता है कि अगर आप अनफिट हैं तो आप शतक नहीं लगा पाओगे। क्रिकेट फिटनेस सबसे जरूरी चीज है। यो-यो टेस्ट ही एकमात्र पैमाना नहीं हो सकता। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि वह व्यक्ति क्रिकेट के लिए भी फिट हो। अगर वह व्यक्ति, जो कोई भी हो, क्रिकेट के लिए फिट है, तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई मायने रखता है।'