18 हत्याओं का आरोपी, कुल 60 केस, शादी का वो रोचक किस्सा... ऐसा था अनिल दुजाना का आतंक
अनिल दुजाना का मेरठ में एनकाउंटर हो गया। गैंगस्टर अनिल दुजाना के खिलाफ करीब 60 केस दर्ज थे। यूपी पुलिस की ओर से अनिल दुजाना को फरार घोषित किया गया था। पिछले साल उसे गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद फिर वह जेल से बाहर आ गया था।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्पेशल टास्क फोर्स ने बड़ा एक्शन किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली से लेकर हरियाणा तक अपने आतंक का राज चलाने वाला अनिल दुजाना यूपी पुलिस के निशाने पार था। पिछले दिनों फरारी के बाद से उसे पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। अमिताभ यश की एसटीएफ की कमान संभालने के बाद से लगातार एक्शन बढ़ा है। उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों असद अहमद, मोहम्मद गुलाम समेत चार आरोपियों के एनकाउंटर के बाद एसटीएफ की पिछले दिनों में यह बड़ी सफलता है। अनिल दुजाना पश्चिमी यूपी के शातिर अपराधियों में गिना जाता था। उसके खिलाफ 18 हत्याओं के मामले दर्ज थे। इसके साथ-साथ रंगदारी, लूट, जमीन कब्जा और आर्म्स एक्ट के कुल मिलाकर 60 केस अनिल दुजाना पर दर्ज थे। उसके खिलाफ एनएसए भी लगाया जा चुका था। अनिल दुजाना को वर्ष 2012 में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जनवरी 2021 में वह 9 साल बाद जमानत पर बाहर निकला। हालांकि, कोर्ट में केस चलने के दौरान अनुपस्थिति को लेकर उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया। जनवरी 2022 में उसे फिर गिरफ्तार किया गया। बाद में फिर से बाहर आ गया। इसके बाद उसकी खोज लगातार चल रही थी। यूपी एसटीएफ और पुलिस की सात टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई थीं। दोपहर 2:26 बजे उसका एनकाउंटर हो गया।
दुजाना गांव का रहने वाला था अनिल
अनिल दुजाना यूपी के बुलंदशहर के बादलपुर थाना क्षेत्र स्थित दुजाना गांव का रहने वाला था। दुजाना गांव के कुख्यात अपराधी सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू रहता था। 70 से 80 के दशक के बीच सुंदर डाकू का खौफ दिल्ली तक था। सुंदर डाकू के बारे में कहा जाता है कि उसने पीएम इंदिरा गांधी तक को धमकी दे दी थी। सेना का जवान सुंदर पारीवारिक वजह से डाकू बन गया था। हालांकि, गांव में उसकी छवि रॉबिनहुड की थी। पुलिस एनकाउंटर में सुंदर डाकू को मार गिराया गया था। इसी गांव का अनिल दुजाना भी रहने वाला था।
2002 में दर्ज हुआ था पहला केस
अनिल दुजाना पर सबसे पहला केस वर्ष 2002 में गाजियाबाद में दर्ज किया गया था। गाजियाबाद के कवि नगर थाने में उसके खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ। उस पर हरबीर पलवान की हत्या का आरोप था। इस हत्याकांड का मामला सामने आने के बाद अनिल दुजाना अपराध की दुनिया में अपना नाम बड़ा करता गया। पश्चिमी यूपी के गैंगवार ने अनिल दुजाना को अपराध की दुनिया में स्थापित कर दिया।
ऐसे अपराध की दुनिया में किया बड़ा नाम
पश्चिमी यूपी में गैंगवार ने कई अपराधियों को जन्म दिया। दरअसल, इस अदावत की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर के बीच की जंग से हुई। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग भिड़ गई। सतबीर गुर्जर के इन दोनों गुर्गों की भिड़ंत हिंसक हो गई। वर्ष 2004 में सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या कर दी। नरेश भाटी का भाई रणदीप और भांजा अमित कसाना इस हत्याकांड का बदला लेने को आमादा थे। अनिल दुजाना यहीं से उभरा। उसने रणदीप और अमित कसाना का साथ दिया। इसके बाद अनिल दुजाना का नाम पश्चिमी यूपी के आतंक की दुनिया में जाना जाने लगा।
हालांकि, सुंदर भाटी की हत्या की कोशिशें नाकाम होती रहीं। मौका नवंबर 2011 में आया। साहिबाबाद के भोपुरा में एक शादी थी। यह शादी सुंदर भाटी के रिश्तेदार के यहां थी। सुंदर भाटी वहां मौजूद था। इस दौरान रणदीप, अनिल दुजाना और अमित कसाना ने एक-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इस घटना में तीन लोग मारे गए, लेकिन सुंदर भाटी बच गया। तिहरे हत्याकांउ में अनिल दुजाना जनवरी 2012 में पुलिस की गिरफ्त में आया। इसके बाद उसने जेल से गैंग चलाना शुरू कर दिया। रणदीप भाटी और अमित कसाना उसके गुर्गे बन गए थे।
जेल से ही कराता था हत्या
अनिल दुजाना जेल से ही हत्या कराता था। सुंदर भाटी से अनिल दुजाना की दुश्मनी का नया किस्सा जनवरी 2014 में शुरू हुआ। सुंदर भाटी ने अनिल के घर पर हमला कराया। ताबड़तोड़ फायरिंग में अनिल के भाई जय भगवान की मौत हो गई। इस मामले में अनिल के पिता ने सुंदर भाटी और 8 के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया। वहीं, दुजाना गैंग ने सुंदर भाटी के गुर्गे राहुल की हत्या कर जय भगवान की मौत का बदला लिया। जनवरी 2021 में अनिल दुजाना जमानत पर जेल से बाहर आया था।
ससुर ने इस कारण दे दी थी बेटी
अनिल दुजाना की शादी का किस्सा खूब चर्चित रहा है। दरअसल, अनिल के ससुर लीलू का बागपत के एक शख्स राजकुमार से 40 बीघे जमीन का विवाद चल रहा था। राजकुमार ने अपना दबदबा बनाए रखने के लिए अपनी दो बेटियों की शादी हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से करा दी। लीलू का पलड़ा कमजोर होने लगा तो उसने अनिल दुजाना को अपनी बेटी के लिए वर के रूप में चुन लिया। लीलू ने अनिल दुजाना के आपराधिक पलड़े को भारी देखकर बेटी की सगाई 2019 में जेल में रहने के दौरान ही करा दी थी। 2021 में जेल से निकलने के बाद अनिल दुजाना और पूजा की शादी हो गई।
व्यापारी से मांगी थी रंगदारी
अनिल दुजाना के खिलाफ सिकंदराबाद के एक कारोबारी एक करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप 16 अक्टूबर 2021 को लगा। सिकंदराबाद के ही खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद की हत्या का आरोप भी अनिल दुजाना पर लगा था। जयचंद की पत्नी ने इस मामले में अनिल दुजाना के खिलाफ गवाही दी थी। अनिल ने इस मामले में जयचंद की पत्नी को धमकाया था। इन्हीं मामलों को लेकर उसके खिलाफ लगातार केस चल रहा था। अनिल दुजाना समेत यूपी के तमाम गैंगस्टरों पर पिछले दिनों शिकंजा कसा। एसटीएफ की टीम एक्टिव हुई। मेरठ के पास उसका लोकेशन मिलने के बाद अनिल दुजाना के खिलाफ ऑपरेशप लॉन्च किया गया। इस एनकाउंटर में पश्चिमी यूपी का आतंक ढेर कर दिया गया।