6000 रुपए लेकर दरोगा ने चोर को छोड़ा, जब मामले ने पकड़ा तूल तो दोबारा हुई चोर की गिरफ्तारी…
जब चोरी के आरोपी द्वारा दावा किया गया कि हम 6000 रुपए देकर छूटे हैं, जिसका वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है, इसके बाद भारत समाचार ने प्रमुखता से खबर चलाई तो चोर को तो पकड़ लिया गया. लेकिन उच्च अधिकारी दरोगा के बचाव में उतर आए और दरोगा को निर्दोष बताने में लग गए.
उत्तर प्रदेश पुलिस हमेशा अपने काम के लिए जानी जाती है. यूपी पुलिस कहीं भी कोई ऐसा कसर नहीं छोड़ती जिससे पुलिस की बदनामी हो. इस बीच बदनामी से बचे पुलिस के दामन को लगातार दरोगा और अधिकारियों द्वारा दागदार किया जा रहा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद से है. जहां सदर कोतवाली में तैनात भ्रष्ट दरोगा सूर्यवीर का एक कारनामा सामने आया है.
औरैया के सदर कोतवाली में तैनात दरोगा सूर्य वीर द्वारा चोरी के एक आरोपी को पकड़ा गया था. दरोगा ने उससे 6000 रुपए लिए और सीआरपीसी 151 में चालान किया गया. जबकि आरोपी के खिलाफ पहले से ही नामजद चोरी का मुकदमा दर्ज था. इसके बावजूद दरोगा ने आरोपी को 5 दिन तक थाने में बंद रखने के बाद 6000 रुपए लेकर और आरोपी का 151Crpc में चालान करके छोड़ दिया.
जब चोरी के आरोपी द्वारा दावा किया गया कि हम 6000 रुपए देकर छूटे हैं, जिसका वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है, इसके बाद भारत समाचार ने प्रमुखता से खबर चलाई तो चोर को तो पकड़ लिया गया. लेकिन उच्च अधिकारी दरोगा के बचाव में उतर आए और दरोगा को निर्दोष बताने में लग गए.
सबसे बड़ा सवाल है कि जब युवक के खिलाफ पहले से ही चोरी का नामजद मुकदमा दर्ज था तो उसे चोरी में बंद ना करके किस कानून के तहत 151 में कार्रवाई की गई और चोरी की विवेचना पेंडिंग में पड़ी रही. हांलाकि जब भारत समाचार ने दरोगा के कारनामे को दिखाया तो पुलिस ने चोर को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन अपने दरोगा पर कोई कार्रवाई नहीं की.
अब देखना यह होगा की उच्चाधिकारी भी ऐसे भ्रष्ट दरोगा पर कार्रवाई करते हैं या हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते है. उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार पुलिस को ईमानदार बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सूर्यवीर दरोगा जैसे बेईमान लोगों की वजह से उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि खराब होती रहती है.