Breaking News

Monday, September 23, 2024
Home / अपराध /

  • 0
  • 117

जीवा की हत्या पर मुख्तार ने जेल में आंसू तो बहाए ही होंगे! यूपी के माफिया को खुश करने के लिए ये बना था हैवान

उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी अपनी उम्र कैद की सजा का दुख मना ही रहा था कि उसके सबसे करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की मौत ने उसे झंकझोर दिया। मुन्ना बजरंगी के बाद कोई था जिसपर वो भरोसा कर सकता था तो वो था संजीव जीवा। मुख्तार को खुश करने के लिए ही संजीव जीवा सालों तक करता रहा लोगों की हत्याएं।

जीवा की हत्या पर मुख्तार ने जेल में आंसू तो बहाए ही होंगे! यूपी के माफिया को खुश करने के लिए ये बना था हैवान

लखनऊ में एससी-एसटी कोर्ट की कार्रवाई रोज की तरह चल रहा थी। जज साहब बैठे हुए थे, काले कोर्ट में कई वकील थे। कोर्ट परिसर में पुलिस भी नजर आ रही थी। कई लोग भी वहां मौजूद थे। पेशी थी खतरनाक गैंगस्टर संजीव जीवा की। दोपहर करीब साढे 3 बजे का वक्त था। तभी कोर्ट के अंदर ही ताबड़तोड़ फायरिंग होती है और निशाना बनाया जाता है गैंगस्टर संजीव जीवा को। गोलियों की धांय-धांय कोर्ट कोर्ट का हाल बदल देती है। लोग इधर-उधर भागने लगते हैं, वकील एक तरफ छुप जाते हैं। जज साहब भी अपने कमरे की तरफ बढ़ते हैं, लेकिन इन सब के बीच कातिल वो कर जाता है जो वो करने आया था। वो मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा का पीछा करता है और उसे गोलियों से भून डालता है।

संजीव जीवा पर था मुख्तार को सबसे ज्यादा भरोसा
कोर्ट के अंदर की ये तस्वीर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन ये तस्वीर उस गैंगस्टर के लिए बिल्कुल नई नहीं थी जो सालों तक यही काम करता आया था। मुख्तार अंसारी को खुश करने के लिए इसने कई हत्याओं को अंजाम दिया था। बीजेपी के विधायक कृष्णानंद के साथ जो 1 8 साल पहले हुआ वही अब सालों बाद इसके साथ हुआ। या यूं कहें उसके खुद के कातिलों से भी ज्यादा खौफनाक था जीवा का वो चेहरा जिस पर उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी को सबसे ज्यादा भरोसा था।

मुजफ्फरनगर में चलाता था दूध की डेयरी
संजीव जीवा मूलरूप से शामली आदमपुर गांव का रहने वाला था, लेकिन साल 1986 में संजीव माहेश्वरी के पिता मुजफ्फरनगर शिफ्ट हो गए। वहां दूध का बिजनेस शुरू किया। संजीव भी उनके साथ ही उस काम में लग गया, लेकिन धीरे-धीरे यहां वो अपराध से जुड़ने लगा। गांव में मारपीट, लूटपाट, झगड़े, हत्या के मामले उसपर दर्ज होने लगे, लेकिन उसकी क्राइम की असली कहानी की शुरुआत हुई साल 1997 से जब बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में उसका नाम आया।

जीवा ने की थी बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या
10 फरवरी 1997 की रात को ब्रह्मदत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद में एक शादी से वापस घर लौट रहे थे। रास्ते में उनकी कार पर जबरदस्त फायरिंग हुई और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। जांच शुरू हुई तो पता चला कि हत्या फर्रुखाबाद के विधायक और दबंग नेता विजय सिंह ने करवाई थी और हत्या करने वाला था संजीव माहेश्वर उर्फ जीवा। विजय सिंह और जीवा के अलावा तीन अन्य शूटर पर केस दर्ज हुआ। इस खौफनाक घटना के उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी का ध्यान भी जीवा तक गया और फिर वो बन मुख्तार के गैंग का हिस्सा।

मुन्ना बजरंगी के साथ मुख्तार के लिए करता था काम
दरअसल जीवा देश में मॉडर्न हथियार सप्लाई करने वाले नेटवर्क का हिस्सा बन चुका था। मुख्तार को लगा कि जीवा के जरिए वो गैंग में लेटेस्ट हथियारों अच्छी सप्लाई करवा सकता है। उस वक्त मुख्तार अंसारी का सबसे खास गुर्गा मुन्ना बजरंगी हुआ करता था। मुन्ना बजरंगी के साथ अब संजीव जीवा भी मुख्तार के गैंग के लिए काम करने लगा। हत्याएं, पैसा उगाही, हथियारों की सप्लाई, ठेकेदारी के काम में वसूली, हर चीज में वो मुख्तार का भरोसा जीतने लगा।

जीवा बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी था आरोपी
साल 2005 में एक बार फिर संजीव जीवा का नाम चर्चा में आया। इस बार मामला था बीजेपी विधायक कृष्णानंद की हत्या का। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपने काफिले के साथ एक मैच का उद्घाटन करके वापस लौट रहे थे। रास्ते में कुछ बदमाश घात लगाए बैठे थे। जैसे ही उनका काफिला बसनिया चट्टी पर पहुंचा बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। कृष्णानंदराय की कार पर लेटेस्ट हथियारों से 500 राउंड फायरिंग हुई। उन्हें गोलियों से भून डाला गया।

सबसे भयानक हत्याकांड में से एक था कृष्णानंद राय हत्याकांड
इस हत्याकांड के आरोप लगे मुख्तार अंसारी पर। कहा गया कि मुख्तार अंसारी के कहने पर संजीव जीवा, मुन्ना बजरंगी और कुछ अन्य गुर्गों कृष्णानंद राय को गोलियों से भूना था। यहां तक कि ये भी बात सामने आई कि गाड़ी के बोनट पर चढ़कर जीवा ने कृष्णानंद राय के सिर पर सीधा गोलियों से वार किया था। वो इतना खौफनाक मंजर था कि उसे यूपी के इतिहास की सबसे भयानक हत्याओं में से एक माना जाता है। हालांकि सीबीआई कोर्ट ने जीवा को इस मामले में बरी कर दिया था और अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये मामला विचाराधीन है।

मुन्ना बजंरगी के बाद सिर्फ संजीव जीवा पर ही था भरोसा
खैर कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद तो संजीव जीवा मुख्तार अंसारी के बेहद खास बन चुका था। मुन्ना बजरंगी के अलावा संजीव जीवा पर ही मुख्तार सबसे ज्यादा भरोसा करने लगा था। साल 2013 में मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या हो गई थी। इस घटना के बाद तो अपने हर काले कारनामे के लिए मुख्तार सिर्फ संजीव जीवा पर ही भरोसा करने लगा था, लेकिन अब संजीव की कोर्ट परिसर में हुई हत्या ने मुख्तार को बुरी तरह से तोड़ दिया होगा।

जीवा की मौत मुख्तार अंसारी के लिए है डबल झटका
दो दिन पहले ही अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा मिली है। ये तय है कि अब मुख्तार अंसारी जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। ऐसे में अब संजीव जीवा की मौत मुख्तार के लिए डबल झटका है। संजीव जीवा मर्डर कई तरह की थ्योरी सामने आ रही हैं। फायरिंग करने वाले आरोपी विजय को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि फायरिंग करने वाले एक से ज्यादा थे। ये भी थ्योरी सामने आ रही है कि गैंगवार में इस अपराधी की हत्या हुई है। वजह जो भी रही हो, संजीव जीवा जितना भी खतरनाक हो, लेकिन वकील के भेष में जिस तरह कोर्ट परिसर के अंदर ये हत्या हुई वो सुरक्षा को लकेर कई सवाल जरूर खड़े करती है।

Trending news

लखनऊ: अकबरनगर के लोग बोले- 70 साल यहीं रहे, बिजली बिल और हाउस टैक्स भरे; एक झटके में उजाड़ दिया आशियाना

लखनऊ में जम्मू-कश्मीर की आतंकी घटना को लेकर प्रदर्शन: बजरंग दल और वीएचपी ने पाकिस्तान का फूंका पुतला, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा

बाराबंकी: पड़ोसी सोशल मीडिया पर डालता है महिलाओं की फोटो, शिकायत करना पीड़ित को पड़ा भारी, पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पीटा

बाराबंकी में पुलिस और बदमाश में मुठभेड़: बदमाश हुआ घायल, तमंचा और कारतूस बरामद

UP: आईएएस धनंजय शुक्ला अपर आयुक्त राज्यकर बनाए गए, दो अफसरों को नई जिम्मेदारी

Most View

Our Latest Blog

लखनऊ : LDA ने  4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
लखनऊ : LDA ने 4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई

अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...

ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम
ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम

राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...

लखनऊ:  बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख  का सामान , वारदात CCTV में   कैद
लखनऊ: बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख का सामान , वारदात CCTV में कैद

लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...