अतीक-अशरफ और जीवा की हत्या में 6 समानताएं, पुलिस कस्टडी में मारा; आटोमेटेड पिस्टल का इस्तेमाल, मीडिया और वकील बनकर पहुंचे हत्यारे
यूपी के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाते 2 हत्याकांड। 53 दिन पहले यानी 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ को मार दिया गया। वहीं, 7 जून को लखनऊ कोर्ट में पुलिस कस्टडी में मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मार दिया जाता है। दोनों ही मर्डर हाईप्रोफाइल हैं।
सबसे पहले दोनों मर्डर केस में 6 समानताएं समझते हैं...
1. पुलिस कस्टडी में हत्याएं
अतीक-अशरफ हत्याकांड : प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में पुलिस मेडिकल कराने पहुंची थीं। रात 10:35 बजे लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या ने अतीक और अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : संजीव जीवा को लखनऊ के कैसरबाग स्थित कोर्ट में पुलिस पेशी के लिए पहुंची थी। यहां जौनपुर के विजय ने दोपहर 3.55 बजे जीवा को गोली मार दी। इसके बाद कोर्ट में हंगामा हुआ।
2.आटोमेटेड पिस्टल का इस्तेमाल
अतीक-अशरफ हत्याकांड : अतीक-अशरफ की हत्या में 9 एमएम की आटोमेटेड जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : संजीव को मारने के लिए हत्यारा मैग्नम अल्फा .357 बोर की आटोमेटेड पिस्टल लेकर आया था।
3.मीडिया और वकील बनकर किया गुमराह
अतीक-अशरफ हत्याकांड : हमलावर लवलेश, सनी और अरुण मीडियाकर्मी बनकर पुलिस के बीच पहुंचे थे।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : लखनऊ में कोर्ट परिवार में हमलावर विजय वकील की तरह कपड़े पहनकर आया था।
4. पत्नियों ने जताई हत्या की आशंका
अतीक-अशरफ हत्याकांड : अतीक की पत्नी शाइस्ता ने पति और देवर अशरफ की हत्या की आशंका जताई थी। सीएम योगी को लेटर लिखा था।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : फरवरी 2021 को जीवा की पत्नी पायल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर जान को खतरा जताया था।
5. मौके से पकड़े गए हत्यारे
अतीक-अशरफ हत्याकांड : मर्डर के बाद 3 हत्यारें भागे नहीं, बल्कि पुलिस के आगे सरेंडर कर दिए।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : इस मर्डर केस में भी वकीलों ने ही विजय को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
6. हत्या से पहले रैकी
अतीक-अशरफ हत्याकांड : हत्यारोपी 3 दिन पहले प्रयागराज पहुंचे। ई-रिक्शा से मेडिकल कॉलेज पहुंचे। मूवमेंट को देखते हुए प्लानिंग की।
संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड : विजय कई महीने से घर वालों के संपर्क में नहीं था। कोर्ट की सुरक्षा को लेकर उसको जानकारी थी।
अब आपको जीवा हत्याकांड के बारे में कुछ और बातें पढ़वाते हैं...
जिस तरह अतीक-अशरफ हत्याकांड में SIT बनाई, वैसी ही इसमें भी बनी
जिस तरह से प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या होने के बाद SIT गठित हुई थी। लखनऊ में जीवा की हत्या होने के बाद भी SIT बना दी गई है। SIT में ADG टेक्निकल मोहित अग्रवाल, नीलब्जा चौधरी और अयोध्या IG प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है। उन्हें 7 दिन में रिपोर्ट देनी है।
चूंकि लखनऊ में हुए हत्याकांड में एक बच्ची भी घायल हुई, इसलिए सीएम योगी ने ट्रामा सेंटर पहुंचकर उसके हेल्थ अपडेट लिए। डॉक्टरों से बात की।
अतीक की तरह जीवा भी जेल से चला रहा था नेटवर्क
अतीक गुजरात की साबरमती जेल से अपना नेटवर्क चला रहा था। जबकि उसका भाई अशरफ बरेली की सेंट्रल जेल से वसूली का कारोबार करता था। ऐसे पुलिस जांच में सामने आ चुका है। कुछ ऐसा ही है जीवा के साथ है। वह लखनऊ जेल से अपने गुर्गों के जरिए नेटवर्क चला रहा था।