लखनऊ: साइबर ठगी का एक और मामला, गुप्त रोग की दवा मंगाने के चक्कर में गवाए लाख रुपये
इंटरनेट पर गुप्त रोग की दवा मंगाने के चक्कर में किया एडवांस पेमेंट, दवा तो नहीं आई मगर खाते से पैसे कटने शुरू हो गए।
लखनऊ में साइबर ठग रोज नए तरीकों से लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। बीकेटी के एक युवक के खाते से करीब एक लाख रुपया निकाल लिए। उन्होंने एक दवा की जानकारी के लिए कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया था। जिसके बाद उनके खाते से करीब 1 लाख रुपए कट गए। वहीं गोमतीनगर में जालसाजों ने एक युवक के खाते से खाते से 30 हजार रुपये उड़ा लिए
दवा लेने के चक्कर गयी जमा पूंजी
बीकेटी निवासी एक युवक के खाते से तीन बार में करीब एक लाख रुपये साइबर ठग ने निकाल लिए। पीड़ित के मुताबिक इंटरनेट पर एक गुप्त रोग की दवा की जानकारी के लिए कस्टमर केयर नंबर पर बात की। युवक ने कई जानकारी लेने के साथ खाते की भी जानकारी ले ली। उसके बाद एडवांस पेमेंट के नाम पर 4999 रुपये बताए खाते में जमा कराए। एक सप्ताह में दवा न आने पर दोबारा उसी नंबर पर बात की। तब उसने पैसे न आने की बात कह दोबारा खाते की डिटेल ली। जिसके कुछ ही देर बात खाते से पैसे कटने शुरू हो गए। पहले लोकलाज के चलते चुप रहा, लेकिन पूरी जमा पूंजी खाते से कटने पर एक परिचित के माध्यम से साइबर थाना में शिकायत की
जेब में एटीएम और कट गए पैसे
गोमतीनगर थाना क्षेत्र स्थित विजयखण्ड-1 में मो. गयासुद्दीन सिद्दीकी का केनरा बैंक की विपिनखण्ड शाखा में खाता है। उन्होंने बताया कि बीते सोमवार को उनके खाते से तीस हजार रुपये कट गए। मैसेज आने पर जानकारी हुई। जबकि एटीएम कार्ड उनकी जेब में है।
बैंक में शिकायत करने करने पर उन्होंने एटीएम से पैसा निकलने की बात कही। जिसके बाद गोमतीनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने एटीएम क्लोन करके ठगी की आशंका जताई है। गोमती नगर इंस्पेक्टर केके तिवारी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की मदद से जांच की जा रही है।
साइबर ठगी होते ही इस नंबर करें फोन, यहां करें मेल
साइबर अपराध का शिकार होने की जानकारी होते ही 155260 हेल्पलाइन नंबर पर या https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर भी शिकायत करें। यहां शिकायत दर्ज कराने के बाद ऑन लाइन फ्राड की ट्रांजेक्शन आईडी के जरिए लेनदेन को रोक दिए जाएगा।
इन बातों का रखें ध्यान बचे रहेंगे साइबर ठगी से
- किसी को भी अपने बैंक खाते की डिटेल न दें।
- QR code स्कैन से अकाउंट में पैसे नहीं आते हैं, स्कैन करने वाले के अकाउंट से जाते हैं। किसी भी पेमेंट के नाम पर QR code स्कैन न करें।
- किसी के कहे पर कोई लिंक को डाउनलोड न करें न ही ओटीपी बताएं।
- बच्चों को ऐसी मोबाइल दें, जिनसे ई-मेल आइडी, बैंक खाते या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की एप डाउनलोड न हो।
- गूगल प्ले बिलिंग सर्विस एलाउ किया गया हो तो उसे डिसएबल कर दें। मोबाइल में ऑनलाइन पेमेंट एप को हमेशा लॉक रखें।