उत्तर-प्रदेश: बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात, पुरवा हवाओं ने रोका ठंडी पछुआ का रास्ता; जाने कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के प्रभाव से पुरुवा हवा संग चली मिश्रित हवा ने पश्चिम से आने वाली ठंडी हवा का रास्ता रोक दिया। परिणाम अधिकतम तापमान बीते 24 घंटों में 4.2 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 28.2 डिग्री हो गया। इसके सामान्य से दो डिग्री अधिक होने से दिन में गरमाहट आ गई। चक्रवात का प्रभाव घटते ही फिर ठंडी पछुआ मौसम को ठंडा बनाएगी।
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के प्रभाव से पुरुवा हवा संग चली मिश्रित हवा ने पश्चिम से आने वाली ठंडी हवा का रास्ता रोक दिया। परिणाम अधिकतम तापमान बीते 24 घंटों में 4.2 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 28.2 डिग्री हो गया। इसके सामान्य से दो डिग्री अधिक होने से दिन में गरमाहट आ गई।
मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अब दो दिन बाद चक्रवात के प्रभाव से पूरब से आने वाले बादल रिमझिम वर्षा भी करा सकते हैं। चक्रवात का प्रभाव घटते ही फिर ठंडी पछुआ मौसम को ठंडा बनाएगी।
बंगाल की खाड़ी से चली चक्रवाती हवाएं
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरते ही बंगाल की खाड़ी से चली चक्रवाती हवाओं का प्रभाव इधर आ पहुंचा।इसने पश्चिम से आने वाली ठंडी हवा का रास्ता रोक दिया। इधर आसमान से बादलों के हटते ही सूर्य के प्रकाश से दिन का अधिकतम तापमान बढ़ गया और रविवार को ठंड घट गई।
हालांकि न्यूनतम तापमान बीते 24 घंटे की अपेक्षा लगभग दो डिग्री घटा, फिर भी सामान्य से पांच से सात डिग्री अधिक 16 डिग्री सेल्सियस रहा। बताया कि मंगलवार तक मौसम ऐसा ही रहेगा, अधिकतम तापमान में और वृद्धि हो सकती है, न्यूनतम तापमान कम हो सकता है।
धरातल से एक किमी ऊपर तक है पुरवा का प्रभाव
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के प्रभाव से आ रही पुरवा हवा धरातल से एक किमी ऊपर तक है। इसके बाद पछुआ हवा बह रही है। छह दिसंबर तक यह चक्रवात आंध्र कोस्ट से होकर गुजरेगा तो इसका प्रभाव वाराणसी समेत पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिखेगा और बदली के साथ वर्षा हो सकती है।