रोज फ्रिज से लाश का एक टुकड़ा निकालते थे मां-बेटा... पांडव नगर में श्रद्धा जैसे मर्डर केस की पूरी कहानी
श्रद्धा मर्डर केस से मिलती-जुलती एक और वारदात दिल्ली में हुई है। मां-बेटे ने मिलकर एक शख्स की हत्या की। लाश के टुकड़े फ्रिज में रखे और एक-एक करके उन्हें ठिकाने लगाया।
करीब छह महीने पहले की बात होगी। दिल्ली के पांडव नगर इलाके से पुलिस को एक बैग में लाश के टुकड़े मिले। दो टांगें चार टुकड़ों में मिली। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया और जांच शुरू दी। कुछ दिन बाद, 7 जून को एक सिर बरामद हुआ। पुलिस के अनुसार, कटा सिर बेहद ठंडा था। ऐसा लग रहा था कि कुछ देर पहले ही फ्रीजर से निकालकर बाहर फेंका गया हो। अगले दिन, हाथ एक एक टुकड़ा मिला। लगातार एक के बाद एक लाश के टुकड़े बरामद होने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने आसपास की सीसीटीवी फुटेज जांचनी शुरू की। एक महिला और एक युवक बैग लाते नजर आए। हालांकि, अंधेरा होने की वजह से उनकी पहचान नहीं हुई। सीसीटीवी फुटेज खंगालते-खंगालते और सुरागकशी में तीन-चार महीने गुजर गए। नवंबर आ गया और महरौली से सनसनीखेज श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का खुलासा हुआ। ऐसी आशंका जताई गई कि शायद ये श्रद्धा की लाश के टुकड़े हों। हालांकि जांच में साफ हुआ कि यह लाश किसी पुरुष की है। करीब छह महीने बाद दिल्ली पुलिस ने केस सॉल्व करने का दावा किया है। पढ़ें, पांडव नगर में सामने आए श्रद्धा जैसे मर्डर केस की पूरी कहानी।
लाश किसकी है? कत्ल क्यों हुआ?
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महिला और उसके बेटे को अरेस्ट किया है। मां का नाम पूनम और बेटे का नाम दीपक है। पुलिस का कहना है कि जिसके टुकड़े मिले, वह शव अंजन दास का था। पूनम, अंजन की पत्नी है और दीपक मृतक का सौतेला बेटा। पुलिस की तफ्तीश बताती है कि अंजन दास के कई महिलाओं से अवैध संबंध रखता था। मां-बेटे उससे तंग आ गए थे। घर में अक्सर लड़ाई होती थी। यह भी कहा जा रहा है कि अंजन अपनी बहू और दीपक की पत्नी पर गंदी नजर रखता था। मई 2022 में दोनों ने आखिरकार अंजन दास को मौत की नींद सुलाने का फैसला किया।
हत्या कैसे की? लाश को ठिकाने कैसे लगाया?
पुलिस के मुताबिक, अंजन दास को शराब में नशे की गोलियां मिलाकर पिला दी गईं। जब वो होश खोने लगा तो हत्या कर दी गई। मां-बेटे ने मिलकर अंजन की लाश के कई टुकड़े किए। लाश के टुकड़े फ्रिज में रखे गए ताकि सड़े नहीं और बदबू बाहर न आए। मां और बेटा रोज लाश का एक टुकड़ा बैग में डालते और पास के मैदान में फेंक आते। कई दिन तक यह सिलसिला चला।
पुलिस कातिलों तक कैसे पहुंची?
पुलिस के पास केस वर्कआउट करने को ज्यादा सुराग नहीं थे। सीसीटीवी फुटेज में चेहरे साफ नहीं थे। आसपास के दर्जनों कैमरों की फुटेज खंगाली गई। एक पैटर्न उभरा तो मैदान के आसपास लोगों से पूछताछ की गई। धीरे-धीरे पुलिस पूनम और दीपक तक पहुंची। पूछताछ में इन्होंने जुर्म कबूल लिया। दोनों को अरेस्ट कर लिया गया है। पुलिस अब इन दोनों के डीएनए का लाश के टुकड़ों से मैच कराएगी।
"अंजन दास लिफ्ट ऑपरेटर था जो पूनम और उसके बेटे दीपक के साथ रहता था। दीपक अंजन दास का असली पुत्र नहीं था। पूनम का सुखदेव से विवाह हुआ, जो दिल्ली आ गया। जब पूनम सुखदेव को ढूंढने दिल्ली आई तो उसे कल्लू मिला जिससे पूनम को 3 बच्चे हुए। 3 बच्चों में से दीपक एक है। कल्लू की लीवर फेल होने से मौत होने के बाद पूनम अंजन के साथ रहने लगी। पूनम को नहीं पता था कि अंजन का बिहार में परिवार है, उसके 8 बच्चे हैं। दीपक की पत्नी पर अंजन की बुरी नजर थी। इसी के चलते इन्होंने अंजन की हत्या की योजना बनाई।" -रवींद्र यादव, स्पेशल सीपी, क्राइम ब्रांच, दिल्ली
श्रद्धा केस से कितना मिलता-जुलता है यह मर्डर?
पांडव नगर का यह मामला महरौली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड से काफी मिलता-जुलता है। दोनों की टाइमलाइन लगभग एक जैसी है। श्रद्धा और अंजन, दोनों का मर्डर मई में हुआ। दोनों ही मामलों में, लाश के टुकड़े घर के भीतर किए गए और फिर उन्हें फ्रिज में रखा गया। पुलिस के अनुसार, श्रद्धा केस में आरोपी आफताब ने शव को ठिकाने बेहद सावधानी से, कई महीनों में ठिकाने लगाए। इधर, पूनम और दीपक ने हत्या के कुछ दिन बाद ही लाश के टुकड़े फेंक दिए। श्रद्धा केस का आरोपी आफताब फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। अंजन दास मर्डर केस में अब पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी।